भारतीय नौसेना की बढ़ी ताकत, अब गहरे पानी में उतरकर छुड़ाएंगी दुश्मन के पसीने
By भाषा | Published: October 17, 2018 03:07 PM2018-10-17T15:07:44+5:302018-10-17T15:07:44+5:30
Indian Navy's DSRV test successful: नौसेना की ओर से मंगलवार देर रात जारी एक बयान के अनुसार, पश्चिमी नौसैनिक कमान ने यहां डीएसआरवी का परीक्षण किया, इसने भारतीय समुद्री सीमा में ‘‘सबसे गहरे उतरने वाले मानवयुक्त वाहन का रिकॉर्ड’’ बनाया।
भारतीय नौसेना के बेड़े में हाल ही में शामिल हुए गहरे पानी में बचाव कार्य करने में सक्षम वाहन डीएसआरवी के पहले सफल परीक्षण के साथ ही सेना की बचाव क्षमता में एक नया आयाम जुड़ गया है। अब भारतीय नौसेना गहरे पानी में उतरकर भी बचाव कार्य करने में पहले से कहीं अधिक सक्षम हो गई है।
नौसेना की ओर से मंगलवार देर रात जारी एक बयान के अनुसार, पश्चिमी नौसैनिक कमान ने यहां डीएसआरवी का परीक्षण किया, इसने भारतीय समुद्री सीमा में ‘‘सबसे गहरे उतरने वाले मानवयुक्त वाहन का रिकॉर्ड’’ बनाया।
बयान में कहा गया कि चालक दल के तीन सदस्यों के साथ काम करने वाली डीएसआरवी किसी पनडुब्बी से एक बार में 14 लोगों को बचा सकती है।
नौसेना के बयान के मुताबिक, ‘‘15 अक्टूबर को डीएसआरवी ने 300 फुट से ज्यादा गहरे पानी में एक पनडुब्बी से संपर्क बनाया और उसके कर्मियों को बचाव वाहन में स्थानांतरित किया।’’
उसका कहना है कि यह परीक्षण समुद्र के भीतर संकट में फंसी पनडुब्बी से लोगों को बचाने की डीएसआरवी की क्षमता को साबित करते हैं और इससे भारतीय नौसेना को एक महत्वपूर्ण सामर्थ्य हासिल हुआ है।
रिलीज में कहा गया, ‘‘परीक्षणों के दौरान डीएसआरवी ने 666 मीटर की गहराई तक सफलतापूर्वक गोता लगाया। यह भारतीय समुद्री सीमा में मानव संचालित वाहन द्वारा सबसे गहराई तक गोता लगाने का रिकॉर्ड है।’’
बयान में कहा गया कि डीएसआरवी ने 750 मीटर से भी ज्यादा की गहराई में आरओवी (रिमोट संचालित वाहन) को भी ऑपरेट किया और 650 मीटर से ज्यादा की गहराई में सोनार का प्रयोग किया।
नौसेना के बयान में कहा गया कि परीक्षण पूरे होने के बाद डीएसआरवी भारतीय नौसेना को दुनिया के उन कुछ नौसेनाओं के बराबर लाकर खड़ा करेगा जिनके पास बचाव कार्य की ऐसी क्षमता है।