अफगानिस्तान में अपने छात्रों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं भारतीय संगीतकार

By भाषा | Published: August 27, 2021 04:29 PM2021-08-27T16:29:45+5:302021-08-27T16:29:45+5:30

Indian musicians worried about the future of their students in Afghanistan | अफगानिस्तान में अपने छात्रों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं भारतीय संगीतकार

अफगानिस्तान में अपने छात्रों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं भारतीय संगीतकार

अफगानिस्तान में लोगों को सितार और सरोद सिखाने वाले भारतीय शास्त्रीय संगीत वादक पंडित अभिषेक अधिकारी और उनकी पत्नी डॉ मू्र्छना अधिकारी बड़ठाकुर ने वहां तालिबान के कब्जे के बाद अपने छात्रों के भविष्य को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही वहां कलाकारों की स्वतंत्रता को लेकर लगातार गहरी चिंता व्यक्त की जा रही है। अधिकारी दंपति 2012 से 2019 अक्टूबर तक अफगान सरकार द्वारा संचालित इंस्टीट्यूट ऑफ इंस्ट्रुमेंटल म्यूजिक - अफगानिस्तान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ म्यूजिक से जुड़े रहे थे और उसके बाद उन्होंने संस्थान छोड़ दिया और भारत वापस आ गए। अफगानिस्तान में संगीतज्ञ दंपति को बेहद प्यार और सम्मान मिला। उनके छात्र उन्हें उस्ताद अभिषेक और उस्ताद मूर्छना कह कर संबोधित करते थे। वर्ष 2019 के बाद कोविड-19 महामारी के मद्देनजर संगीतज्ञ दंपति ने काबुल में संगीत सीखने के इच्छुक महिलाओं और पुरुषों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं प्रारंभ की थी, लेकिन तालिबान के कब्जे के बाद अब सब कुछ बंद हो गया है। हालांकि, फेसबुक के जरिए संगीतज्ञ दंपति अपने छात्रों के संपर्क में हैं। पंडित अभिषेक ने पीटीआई-भाषा से कहा, " हमारे छात्र वाद्य यंत्रों का अभ्यास करने और संगीत सुनने से डरते हैं क्योंकि तालिबान संगीत के खिलाफ है। मेरे कुछ छात्रों ने गोपनीय रूप से एक जगह एकत्र होकर भारतीय शास्त्रीय संगीत को सुना और इसका अभ्यास किया। उन्होंने ऐसा बंद कमरे के भीतर किया। कमरे के दरवाजे और खिड़कियां इस तरह से बंद कर यी सुनिश्चित किया गया कि मामूली आवाज भी बाहर न जाए।" वर्ष 2012 से 2015 के बीच काबुल स्थित संगीत संस्थान का दौरा करने वाले और उसके बाद 2019 तक काबुल में ही रहने वाले संगीतज्ञ दंपति ने कहा कि वह अपने छात्रों के भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हैं और लगातार उनको सतर्क रहने के लिए कहते हैं। पंडित अभिषेक ने कहा, " राजधानी काबुल समेत पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने कहा था कि वह कलाकारों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा और महिलाओं को उनके सभी अधिकार दिए जाएंगे, लेकिन पिछले कुछ दिनों में आई खबरों के मुताबिक तालिबान में कट्टरपंथी विचारों वाले कुछ ऐसे भी लोग मौजूद हैं, जो संगीत और कला के खिलाफ हैं जिनका मानना है कि महिलाओं को घरों के भीतर ही रहना चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Indian musicians worried about the future of their students in Afghanistan

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे