चीन को बड़ा आर्थिक झटका देने की तैयारी में भारत, रद्द हो सकता है चीनी कंपनी को मिला 1126 करोड़ रुपये का दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट
By सुमित राय | Published: June 17, 2020 10:05 PM2020-06-17T22:05:31+5:302020-06-17T22:10:19+5:30
लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर भारतीय सेना के 20 जवानों के शहीद होने के बाद चीनी प्रोडक्ट को बैन करने को लेकर मांग बढ़ गई है, ऐसे में सरकार चीनी कंपनी को दिए प्रोजेक्ट को रद्द कर सकती है।
भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा विवाद ने हिंसक रूप ले लिया है और दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए। सीमा पर झड़प के बाद भारत चीन को बड़ा आर्थिक झटका देने की तैयारी में है और इसके तहत चीनी कंपनियों को दिए गए प्रोजेक्ट रद्द किए जा सकते हैं।
केंद्र सरकार की तरफ से बनने वाले दिल्ली-मेरठ सेमी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का ठेका एक चीनी कंपनी को मिला है, जिसे सीमा पर विवाद बढ़ने के बाद सरकार रद्द कर सकती है। इस पूरी योजना को एक चीनी कंपनी शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड (STEC) 1126 करोड़ रुपये की बोली लगाकर हासिल की थी।
विपक्ष के साथ स्वदेशी जागरण मंच ने किया विरोध
बता दें कि चीनी कंपनी को यह प्रोजेक्ट दिए जाने का विरोध विपक्ष तो कर ही रहा है, साथ में आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने नरेंद्र मोदी सरकार से वित्तीय बोली को रद्द करने की मांग की है। एसजेएम के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्वनी महाजन ने बताया कि उन्होंने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से चीनी कंपनी की बोली को रद्द करने का अनुरोध किया है।
दिल्ली के मेरठ के बीच रैपिड रेल कॉरिडोर
सरकार ने पिछले साल फरवरी में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) को मंजूरी दी थी। 82.15 किलोमीटर लंबे आरआरटीएस में 68.03 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड है और 14.12 किलोमीटर हिस्सा अंडरग्राउंड बनना है।
सोमवार को लद्दाश में 20 भारतीय जवान शहीद
बता दें कि सोमवार को लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ खूनी झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 जवान शहीद हो गए। भारतीय सेना ने बताया है कि शहीद हुए जवानों में 15 जवान बिहार रेजिमेंट से थे। इसके अलावा पंजाब रेजिमेंड के 3, 81 एमपीएससी रेजिमेंट और 81 फील्ड रेजिमेंट के एक-एक जवान शहीद हुए हैं। इस खूनी झड़प पर घायल चार भारतीय जवान की हालत गंभीर बताई जा रही है।