लेफ्टिनेंट जनरल ने सरकारी पैसे से खरीद लिया एसी-फर्नीचर, भ्रष्टाचार के आरोपों में हुई कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: May 11, 2019 07:17 PM2019-05-11T19:17:01+5:302019-05-11T19:20:51+5:30
जैसे ही सेना मुख्यालय में अधिकारी के खिलाफ आरोपों की शिकायत पहुंची तो सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया गया।
भारतीय सेना के एक सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। सैन्य अधिकारी पर सरकारी पैसे का दुरुपयोग करने का आरोप है। आरोपों के तहत सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी की गई। समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक सरकार के सूत्रों ने बताया कि अधिकारी के खिलाफ आरोप लगे हैं कि उन्होंने निजी इस्तेमाल के लिए सरकारी फंड का दुरुपयोग कर 10 लाख रुपये का सामान खरीदा था। इस पर संज्ञान लेते हुए सेना मुख्यालय ने एक सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल के जरिये आरोपी अधिकारी के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया था।
आरोपों के मुताबिक सैन्य अधिकारी ने सरकारी पैसे से अपने लिए जो सामान खरीदा, उसमें एयर कंडीशनर, फर्नीचर और बाकी चीजें शामिल हैं।
जैसे ही सेना मुख्यालय में अधिकारी के खिलाफ आरोपों की शिकायत पहुंची तो सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया गया।
Army Lt Gen faces action for alleged corruption over misuse of govt funds
— ANI Digital (@ani_digital) May 11, 2019
Read @ANI story | https://t.co/9jHnkNWoXnpic.twitter.com/7f6YkKV49a
प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर्स सेना के सबसे वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल होते हैं जिनकी तैनाती सेना प्रमुख के दिन-ब-दिन के आधिकारिक कार्यों में सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यालय में होती है।
इस मामले में एक लेफ्टिनेंट जनरल के खिलाफ जांच बैठाई गई तो इसी रैंक के अधिकारियों ने उसे अंजाम दिया। एक सूत्र ने बताया कि कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के पीठासीन अधिकारी ने जांच पूरी कर ली है और पहले ही सेना प्रमुख को इस बारे में बता दिया है।
ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने अधिकारी के खिलाफ अनुशास्नात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश की है।
बता दें कि जब से जनरल बिपिन रावत सेना प्रमुख बने हैं, वह अधिकारियों और जवानों से साफ कह चुके हैं कि सेना में नैतिक पतन और आर्थिक भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं होगी। अब तक ऐसे मामलों में लिप्त पाए जाने पर कई अधिकारियों को बर्खास्त किया जा चुका है और बिना पेंशन के रिटायर किया जा चुका है।