लद्दाख की दिशा में तीन हवाई ठिकानों पर चीन अभी भी तैनात, बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा: वायुसेना प्रमुख

By विशाल कुमार | Published: October 6, 2021 07:38 AM2021-10-06T07:38:59+5:302021-10-06T07:56:38+5:30

वायुसेना दिवस से पहले नए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने अपने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बुनियादी ढांचे के कारण चीन की तैनातियों में बदलाव आ सकता है लेकिन इससे वायुसेना को ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा.

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वायुसेना प्रमुख विवेक राम चौधरी. (फोटो: पीटीआई)

Highlightsवायुसेना प्रमुख ने कहा कि तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में पीएलएएएफ द्वारा हवाई क्षेत्रों के विकास पर चौधरी ने कहा कि हालांकि कठोर विमान आश्रयों का निर्माण किया जा रहा है.अधिक ऊंचाई वाले हवाई क्षेत्रों से नियमित मिशन शुरू करने की चीन की क्षमता उनके लिए एक कमजोर क्षेत्र बना रहेगा.पाकिस्तान या चीन पर किसी तरह की कार्रवाई किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें जो भी काम सौंपा जाएगा वो उसके लिए तैयार हैं.

नई दिल्ली:लद्दाख से लगी सीमा पर दोनों देशों के बीच पीछे हटने के लिए चल रही चर्चा के बीच चीनी बुनियादी ढांचे का विकास बहुत तेज गति से हो रहा है और चीनी वायुसेना (पीएलएएएफ) अभी भी लद्दाख की दिशा में तीन हवाई ठिकानों पर तैनात है.

यह बात दोतरफा खतरों का सामना करने में सक्षम होने की बात दोहराते हुए भारतीय वायुसेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मंगलवार को कही.

वायुसेना दिवस से पहले नए वायुसेना प्रमुख ने अपने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बुनियादी ढांचे के कारण चीन की तैनातियों में बदलाव आ सकता है लेकिन इससे वायुसेना को ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा.

यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान और चीन भारत की सीमाओं के करीब हवाई क्षेत्र विकसित कर रहे हैं, चौधरी ने कहा कि हमें इससे ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है. अभी वे छोटे स्ट्रिप्स हैं जो कुछ हेलीकॉप्टरों को ले जाने में सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान सीमा के पास की हवाई पट्टियां उस क्षेत्र की जरूरतें पूरी करती हैं.

तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में पीएलएएएफ द्वारा हवाई क्षेत्रों के विकास पर चौधरी ने कहा कि हालांकि कठोर विमान आश्रयों का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन अधिक ऊंचाई वाले हवाई क्षेत्रों से नियमित मिशन शुरू करने की चीन की क्षमता उनके लिए एक कमजोर क्षेत्र बना रहेगा.

पाकिस्तान या चीन पर किसी तरह की कार्रवाई किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें जो भी काम सौंपा जाएगा वो उसके लिए तैयार हैं.

वायुसेना में 42 स्क्वैड्रन होने के बारे में भी पूछे जाने पर उन्होंने अगले 15 सालों तक ऐसा न होने की बात की और कहा कि अगले दशक तक 35 स्क्वैड्रन होंगे.

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