विंग कमांडर दीपिका मिश्रा वीरता पुरस्कार पाने वाली वायुसेना की पहली महिला अफसर बनीं, मध्य प्रदेश में दिखाया था अदम्य साहस, जानिए
By भाषा | Published: April 21, 2023 01:07 PM2023-04-21T13:07:01+5:302023-04-21T13:12:03+5:30
विंग कमांडर दीपिका मिश्रा राजस्थान की रहने वाली हैं और हेलीकॉप्टर पायलट हैं। मध्य प्रदेश में बाढ़ राहत अभियान के दौरान ‘अदम्य साहसिक’ कार्य के लिए उन्हें वीरता पुरस्कार दिया गया है।
नयी दिल्ली: विंग कमांडर दीपिका मिश्रा वीरता पुरस्कार पाने वाली भारतीय वायु सेना की पहली महिला अधिकारी बन गईं हैं। वायुसेना के प्रवक्ता के अनुसार, राजस्थान निवासी दीपिका मिश्रा हेलीकॉप्टर पायलट हैं।
उन्हें मध्य प्रदेश में बाढ़ राहत अभियान के दौरान ‘‘अदम्य साहसिक’’ कार्य के लिए गुरुवार को ‘वायु सेना पदक’ (वीरता) से सम्मानित किया गया। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आऱ चौधरी ने सुब्रतो पार्क में वायुसेना सभागार में आयोजित अलंकरण समारोह में कई अधिकारियों और वायु योद्धाओं को युद्ध सेवा पदक और अन्य पुरस्कार दिए।
प्रवक्ता ने कहा कि वायुसेना के दो अधिकारियों को युद्ध सेवा पदक, 13 अधिकारियों और वायु योद्धाओं को वायु सेना पदक (वीरता), 13 अधिकारियों को वायु सेना पदक और 30 को विशिष्ट सेवा पदक प्रदान किये गये। उन्होंने कहा कि कुल 58 व्यक्तियों को पुरस्कार प्रदान किया गया जिनमें से 57 वायुसेना से और एक सेना से है।
दीपिका मिश्रा: वायुसेना में वीरता पुरस्कार पाने वाली पहली महिला
विंग कमांडर दीपिका मिश्रा के बारे में उन्होंने कहा कि वायुसेना के इतिहास में वीरता पुरस्कार पाने वाली वह वायुसेना की पहली महिला अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि सेवा के प्रति समर्पण के लिए वायुसेना से महिलाओं को पहले भी पुरस्कार प्राप्त हुए हैं लेकिन यह पहली बार है जब वायुसेना की किसी महिला अधिकारी को वीरता पुरस्कार मिला है।
#WATCH | IAF’s first woman gallantry award winner Wing Commander Deepika Misra received her Vayu Sena Medal for gallantry from IAF Chief Air Chief Marshal VR Chaudhari at an investiture ceremony. She helped in saving lives of 47 people in floods last year in areas of MP& Raj. pic.twitter.com/0rafSejI5p
— ANI (@ANI) April 20, 2023
भारतीय वायुसेना द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, दीपिका मिश्रा ने अगस्त 2021 में उत्तरी मध्य प्रदेश में ‘‘मानवीय सहायता और अचानक आई बाढ़ के बाद आपदा राहत अभियान’’ के दौरान अथक कार्य किया था। बचाव अभियान आठ दिनों तक चला और उन्होंने महिलाओं और बच्चों सहित 47 लोगों की जान बचाई।
अधिकारियों ने कहा कि उनके बहादुरीपूर्ण और साहसिक प्रयासों ने न केवल प्राकृतिक आपदा में कीमती जान बचाईं, बल्कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आम जनता के बीच सुरक्षा की भावना भी पैदा की।