Pravasi Bharatiya Divas 2023: आजादी की सहस्राब्दी तक भारत आत्मनिर्भर और विश्व गुरु होगा: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
By मुकेश मिश्रा | Published: January 10, 2023 10:45 PM2023-01-10T22:45:44+5:302023-01-10T22:47:41+5:30
इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए 27 प्रवासी भारतीयों को प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान किए।
इंदौर: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि आने वाले 25 वर्ष भारत के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। भारत निरंतर विश्व गुरु बनने की महत्वाकांक्षी यात्रा पर है। वर्ष 2047 में जब हमारा देश आजादी की सहस्राब्दी मना रहा होगा, तब तक हमारा देश आत्म निर्भर और विश्व गुरु बन चुका होगा। भारत की विकास यात्रा में पूरी दुनिया के कोने कोने में बसे प्रवासी भारतीयों की अहम भूमिका है।
उन्होंने कहा कि भारत का संकल्प है विश्व में सभी का समान और न्यायोचित विकास। हमारा दर्शन वसुधैव कुटुंबकम का है। सारा विश्व हमारे लिए एक परिवार है। प्रवासी भारतीय भारत के विकास के विश्वसनीय भागीदार है। हम आपको पूरी तरह भागीदार बनाना चाहते हैं। आपकी सामूहिक ताकत, इनोवेटिव आइडियाज, तकनीकी, दक्षता, क्षमता भारत को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर इंदौर में तीन दिवसीय 17 वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन का समापन अवसर पर यह बात राष्ट्रपति ने कही। इस अवसर पर उन्होंने अपने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए 27 प्रवासी भारतीयों को प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान किए। कार्यक्रम में गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली और सुरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी विशेष रूप से शामिल हुए। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि विश्व में प्रवासी भारतीयों का विशिष्ट और महत्वपूर्ण स्थान है।
उन्होंने अपने समर्पण और कड़ी मेहनत से कला, साहित्य, राजनीति, खेल, व्यापार, लोक कल्याण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी आदि हर क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल की है। आप की उपलब्धियां हमारे लिए गर्व और प्रसन्नता का विषय है। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि प्रवासी भारतीय सम्मान प्रवासी भारतीयों को दिए जाने वाला देश का सर्वोच्च सम्मान है। यह उनके भारत और अन्य देशों के लिए किए गए कार्यों और योगदान को प्रदर्शित करता है। विश्व में भारत का झंडा ऊंचा करने के लिए आप सब बधाई के पात्र हैं।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा गत दो दशकों में प्रवासी भारतीय सम्मेलन ने भारत की तरक्की में अहम भूमिका निभाई है। यह सरकार और प्रवासी भारतीय के बीच संवाद और सहयोग का महत्वपूर्ण मंच बन गया है। कोरोना के कारण 2 वर्ष पहले यह सम्मेलन वर्चुअली आयोजित किया गया था। आज आप सभी से मिलकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। यह सम्मेलन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 9 जनवरी 2015 में अफ्रीका से लौटने की गौरवमयी याद में मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार प्रवासी भारतीय के कल्याण के लिए हर संभव कार्य कर रही है। उन्हें सहायता और सहयोग देने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया गया है। ऑपरेशन गंगा के माध्यम से यूक्रेन से भारतीय विद्यार्थियों को सम्मान पूर्वक वापस लाया गया। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन के सभी सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण रहे हैं। इनमें प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में तरक्की के रास्ते खुलेंगे।
सम्मेलन में विशेष रूप से महिला उद्यमियों की भागीदारी महत्वपूर्ण रही है। यह हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी। सम्मेलन में युवा प्रवासियों की भूमिका भी सराहनीय है। वे नई तकनीकी के विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। विश्व के समक्ष वर्तमान समय में आ रही आर्थिक और अन्य चुनौतियों का भी हल निकलेगा। सभी देशों के साथ भारत के बेहतर संबंध बनेंगे।
महामहिम ने कहा कि इस वर्ष भारत को जी-20 की अध्यक्षता करने का गौरव प्राप्त हुआ है। इसकी थीम "एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य" हमारी वैश्विक परिवार की परिकल्पना पर आधारित है। भारत पूरे विश्व में सबके लिए समान विकास के द्वार खोलेगा।