भारत की चीन को चेतावनी, LAC पर ऐसे माहौल ना बनाएं, जो भविष्य में दोनों देशों के संबंधों को खराब करे
By पल्लवी कुमारी | Published: June 26, 2020 08:33 AM2020-06-26T08:33:56+5:302020-06-26T08:48:39+5:30
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने चीन पर ऐसे समय तीखा हमला बोला है जब एक दिन पहले चीन के विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने गलवान घाटी संघर्ष के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था। चीन ने भारतीय विदेश मंत्रालय पर घटना के बारे में झूठी सूचना फैलाने का आरोप लगाया था।
नई दिल्ली: भारत ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद पर कहा कि चीन मई के शुरू से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर बड़ी संख्या में सैनिक और युद्ध सामग्री जुटा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में हुए घटनाक्रमों का ब्योरा देते हुए कहा, चीनी सेना का आचरण पारस्परिक सहमति वाले नियमों के प्रति पूर्ण अनादर का रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि मौजूदा स्थिति के जारी रहने से केवल माहौल ही खराब होगा और इसका संबंधों के विकास पर असर पड़ेगा। उन्होंने चीन को चेताते हुए कहा, एलएसी पर ऐसे माहौल ना बनाएं, जिसका असर भविष्य में दोनों देशों के संबंधों पर पड़े।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, चीन को अगर शांति और शांति व्यवस्था बनाए रखनी है तो दोनों राष्ट्रों के बीच पूर्व में किए गए समझौतों का सम्मान करना होगा। उन्होंने कहा, पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीनी कार्रवाई के कारण तनाव बढ़ा और 15 जून की हिंसक झड़प भी इसी का परिणाम थी, जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए।
जानें भारत चीन-सीमा विवाद पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने और क्या-क्या अहम बातें कही?
- विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, भारत चाहता है कि चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता की त्वरित बहाली सुनिश्चित करने के लिए सैनिक हटाने पर दोनों पक्षों के बीच बनी समझ का ईमानदारी से पालन किया जाए।
- विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, हमने चीन की कार्रवाई को लेकर कूटनीतिक और सैन्य दोनों माध्यमों से अपना विरोध दर्ज कराया था और यह स्पष्ट कर दिया था कि इस तरह का कोई भी बदलाव हमें अस्वीकार्य है।
- विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, छह जून को वरिष्ठ कमांडरों की बैठक हुई और तनाव कम करने तथा एलएसी से पीछे हटने पर सहमति बनी जिसमें ‘‘पारस्परिक कदम’’ उठाने की बात शामिल थी। दोनों पक्ष एलएसी का सम्मान और नियमों का पालन करने तथा यथास्थिति को बदलने वाली कोई कार्रवाई न करने पर सहमत हुए थे।
- विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, चीनी पक्ष एलएसी के संबंध में बनी इस समझ से गलवान घाटी में पीछे हट गया और उसने एलएसी के बिलकुल पास ढांचे खड़े करने की कोशिश की। जब यह कोशिश विफल कर दी गई तो चीनी सैनिकों ने 15 जून को हिंसक कार्रवाई की जिसका परिणाम सैनिकों के हताहत होने के रूप में निकला।
-विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, भारतीय सैनिक भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में एलएसी के संरेखण से भली-भांति परिचित हैं और पूरी ईमानदारी से इसका पालन करते हैं। वे (भारतीय सैनिक) गलवान घाटी सहित एलएसी पर लंबे समय से गश्त कर रहे हैं। भारत द्वारा बनाए गए सभी ढांचे एलएसी के भारतीय क्षेत्र में रहे हैं।
-विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, भारतीय पक्ष ने कभी एलएसी के पार कोई कार्रवाई नहीं की और यथास्थिति को कभी भी एकतरफा से ढंग से बदलने की कोशिश नहीं की। (पीटीआई-इनपुट के साथ)