रडार जाम नहीं कर सकता, ट्रक के ऊपर लगा लो या कनस्तर में, सतह से हवा में मार करने वाली त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइलों का सफल परीक्षण

By भाषा | Published: August 4, 2019 11:27 PM2019-08-04T23:27:41+5:302019-08-04T23:27:41+5:30

रक्षा सूत्रों के अनुसार, इस मिसाइल में इलेक्ट्रोनिक निरोधक तंत्र लगे हैं जिससे इसे रडार द्वारा जाम नहीं किया जा सकता है। इस मिसाइल को एक ट्रक के ऊपर लगाया जा सकता है और यह एक कनस्तर में समा सकती है। यह 25-30 किलोमीटर तक मार कर सकती है।

India successfully test two quick reaction surface-to-air missiles | रडार जाम नहीं कर सकता, ट्रक के ऊपर लगा लो या कनस्तर में, सतह से हवा में मार करने वाली त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइलों का सफल परीक्षण

जिन दो ऐसी मिसाइलों का परीक्षण किया गया वे लक्ष्यों को भेदने में सफल रहीं। (फोटो- सोशल मीडिया)

Highlightsपरीक्षण के दौरान इन दो मिसाइलों ने दो लक्ष्यों को भेदा और अपने मिशन को पूरा करने में वे सफल रहीं। कई अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों से लैस इन क्यूआरएसएएम ने विभिन्न दूरियों और ऊंचाइयों पर लक्ष्यों को भेदा।

भारत ने रविवार को ओडिशा के एक परीक्षण केंद्र से सतह से हवा में मार करने वाली अपनी अत्याधुनिक त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइलों (क्यूआरएसएएम) का सफल परीक्षण किया। जिन दो ऐसी मिसाइलों का परीक्षण किया गया वे लक्ष्यों को भेदने में सफल रहीं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बालासोर के समीप चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण केंद्र से दो ऐसी मिसाइलों का सफल परीक्षण किया।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘ परीक्षण के दौरान इन दो मिसाइलों ने दो लक्ष्यों को भेदा और अपने मिशन को पूरा करने में वे सफल रहीं। कई अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों से लैस इन क्यूआरएसएएम ने विभिन्न दूरियों और ऊंचाइयों पर लक्ष्यों को भेदा।’’

इस पूरे मिशन को विभिन्न इलेक्ट्रो ऑप्टिकल निगरानी प्रणाली, रडार प्रणाली और टेलीमैट्री प्रणाली में कैद किया गया। सभी मौसमों और सभी भौगोलिक क्षेत्रों के अनुकूल इस क्यूआरएसएएम को भारतीय सेना के लिए विकसित किया है। यह मिसाइल कुछ ही समय में लक्ष्य का पता लगाकर उसे भेद देने में सक्षम है। बयान के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अहम उपलब्धि पर डीआरडीओ को बधाई दी है।

रक्षा सूत्रों के अनुसार, इस मिसाइल में इलेक्ट्रोनिक निरोधक तंत्र लगे हैं जिससे इसे रडार द्वारा जाम नहीं किया जा सकता है। इस मिसाइल को एक ट्रक के ऊपर लगाया जा सकता है और यह एक कनस्तर में समा सकती है। यह 25-30 किलोमीटर तक मार कर सकती है। सूत्रों के अनुसार, इस मिसाइल का पहला परीक्षण चार जून, 2017 को किया गया था। 26 फरवरी, 2019 को भी इसका सफल परीक्षण किया गया था।

Web Title: India successfully test two quick reaction surface-to-air missiles

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