राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद पाकिस्तान ने उगला जहर, भारतीय विदेश मंत्रालय ने दिया करारा जबाव
By सुमित राय | Published: August 6, 2020 03:11 PM2020-08-06T15:11:37+5:302020-08-06T15:29:12+5:30
राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद पाकिस्तान द्वारा किए गए कमेंट पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब दिया है और कहा है कि इस तरह की टिप्पणियां बेहद अफसोसजनक हैं।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन के बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान जहर उगलने लगा है और पाकिस्तान के रेलमंत्री शेख रशीद ने कहा है कि भारत अब धर्मनिरपेक्ष देश नहीं राह, बल्कि रामनगर में तब्दील हो गया है। वहीं पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि ये भी दिखाता है कि कैसे धर्म न्याय के ऊपर हावी हो रहा है। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है और कहा है कि इस तरह की टिप्पणियां बेहद अफसोसजनक हैं।
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान द्वारा राम मंदिर पर की गई टिप्पणी पर कहा कि पाकिस्तान को भारत के मामलों में दखल देने और साम्प्रदायिकता को शह देने से बचना चाहिए। सीमा-पार आतंकवाद में संलिप्त एक देश का यह रुख आश्चर्यजनक नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, "हमने भारत के आंतरिक मामले पर इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान के प्रेस स्टेटमेंट को देखा है। उसे भारत के मामलों में दखल देने और सांप्रदायिक भड़काने से बचना चाहिए। हालांकि यह एक ऐसे राष्ट्र के लिए आश्चर्यजनक रुख नहीं है, जो सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता है और अपने ही अल्पसंख्यकों को उनके धार्मिक अधिकारों से वंचित करता है। इस तरह की टिप्पणियां फिर भी बहुत अफसोसजनक हैं।"
While this is not a surprising stance from a nation that practices cross border terrorism and denies its own minorities their religious rights, such comments are nevertheless deeply regrettable: Ministry of External Affairs (MEA) https://t.co/kGQezrT0xE
— ANI (@ANI) August 6, 2020
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने जारी किया था बयान
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) ने एक बयान में कहा ,‘‘भारतीय उच्चतम न्यायालय के त्रुटिपूर्ण निर्णय ने मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, जो न केवल न्याय पर आस्था की प्रधानता को दर्शाता है, बल्कि आज के भारत में बढ़ते बहुसंख्यवाद को भी दिखाता है जहां अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों और उनके पूजा स्थलों पर हमले बढ़ रहे हैं।’’
विदेश कार्यालय ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान बाबरी मस्जिद स्थल पर मंदिर के निर्माण में जल्दबाजी यह दिखाती है कि किस प्रकार से भारत में मुसलमानों को हाशिए पर धकेला जा रहा है। भारत पहले ही इस मुद्दे पर पाकिस्तान की ‘‘ अवांछित और अकारथ टिप्पणियों ’’ को खारिज कर चुका है। विदेश मंत्रालय ने कहा था,‘‘ भारत के उच्चतम न्यायालय का फैसला भारत का पूरी तरह से अंदरूनी मामला है।’’