यासिन मलिक की सजा पर भारत ने मुस्लिम देशों के समूह की टिप्पणी की निंदा की, कहा- आतंकवाद बर्दाश्त नहीं, सही न ठहराएं

By भाषा | Published: May 28, 2022 07:48 AM2022-05-28T07:48:53+5:302022-05-28T07:50:54+5:30

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को जम्मू कश्मीर के सबसे अग्रणी अलगाववादी नेताओं में से एक यासीन मलिक को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाते हुए कहा कि इन अपराधों का मकसद ‘देश के विचार की आत्मा पर हमला करना’ और भारत संघ से जम्मू कश्मीर को जबरदस्ती अलग करने का था।

india-slams-islamic-nations-group-oic-on-yasin-malik-judgement | यासिन मलिक की सजा पर भारत ने मुस्लिम देशों के समूह की टिप्पणी की निंदा की, कहा- आतंकवाद बर्दाश्त नहीं, सही न ठहराएं

यासिन मलिक की सजा पर भारत ने मुस्लिम देशों के समूह की टिप्पणी की निंदा की, कहा- आतंकवाद बर्दाश्त नहीं, सही न ठहराएं

Highlightsविदेश मंत्रालय ने कहा कि दुनिया आतंकवाद को कत्तई बर्दाश्त नहीं करेगी।ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) से अनुरोध किया कि वह इसे किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराए।मलिक को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

नई दिल्ली: कश्मीरी अलगाववादी नेता यासिन मलिक पर अदालत के फैसले को लेकर ओआईसी-आईपीएचआरसी (इंडिपेंडेंट पर्मानेंट ह्यूमन राइट्स कमिशन) की उस टिप्पणी को भारत ने शुक्रवार को ‘अस्वीकार्य’ बताया, जिसमें नई दिल्ली की आलोचना की गई है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दुनिया आतंकवाद को कत्तई बर्दाश्त नहीं करेगी और ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) से अनुरोध किया कि वह इसे किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराए।

बागची ने कहा, ‘‘यासिन मलिक के मामले में फैसले को लेकर भारत की आलोचना करने वाली ओआईसी-आईपीएचआरसी की टिप्पणियों को भारत स्वीकार करने योग्य नहीं मानता।’’

उन्होंने कहा कि इन टिप्पणियों के माध्यम से ओआईसी-आईपीएचआरसी ने यासिन मलिक की उन आतंकवादी गतिविधियों को अपना समर्थन दिया है, जिनके संबंध में अदालत में साक्ष्य पेश किए गए हैं।

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को जम्मू कश्मीर के सबसे अग्रणी अलगाववादी नेताओं में से एक यासीन मलिक को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाते हुए कहा कि इन अपराधों का मकसद ‘देश के विचार की आत्मा पर हमला करना’ और भारत संघ से जम्मू कश्मीर को जबरदस्ती अलग करने का था।

एनआईए कोर्ट ने मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। उन्हें दो बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। एनआईए ने 19 मई को दोषी ठहराए गए अलगाववादी नेता के लिए मौत की सजा की मांग की थी। मलिक ने अदालत से कहा था कि वह अपने ऊपर लगे आरोपों का बचाव नहीं कर रहे हैं।

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