धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी रिपोर्ट को लेकर भारत ने कहा, उनका कोई अधिकार क्षेत्र नहीं बनता

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 23, 2019 01:14 PM2019-06-23T13:14:53+5:302019-06-23T13:58:39+5:30

इससे पहले शनिवार को भारतीय जनता पार्टी ने अमेरिका के विदेश विभाग द्वारा जारी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट को नरेन्द्र मोदी सरकार और भाजपा के प्रति ‘‘पूर्वाग्रह से प्रेरित’’ एवं ‘‘झूठा’’ करार दिया। पार्टी ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं की जड़ें बहुत गहरी हैं ।

India rejects US report on religious freedom, says proud of its secular credentials | धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी रिपोर्ट को लेकर भारत ने कहा, उनका कोई अधिकार क्षेत्र नहीं बनता

अमेरिकी रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ उकसाने वाले भाषण देते हैं। 

Highlightsभारत ने अमेरिकी विदेश विभाग की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट को खारिज किया है।अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 में हिंदू कट्टरपंथी समूहों ने अल्पसंख्यकों पर हमले किए हैं।

भारत ने अमेरिकी विदेश विभाग की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा है कि देश के नागरिकों के संविधान द्वारा संरक्षित अधिकारों पर टिप्पणी का कोई औचित्य नहीं है। उनकी रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2018 में हिंदू कट्टरपंथी समूहों ने अल्पसंख्यकों पर हमले किए हैं। इसका जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक बयान में कहा कि भारत को अपनी धर्म निरपेक्षता की विश्वसनीयता, सबसे बड़े लोकतंत्र तथा लंबे अर्से से चले आ रहे सहिष्णु एवं समावेशी समाज पर गर्व है। 

इससे पहले शनिवार को भारतीय जनता पार्टी ने अमेरिका के विदेश विभाग द्वारा जारी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट को नरेन्द्र मोदी सरकार और भाजपा के प्रति ‘‘पूर्वाग्रह से प्रेरित’’ एवं ‘‘झूठा’’ करार दिया। पार्टी ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं की जड़ें बहुत गहरी हैं । भाजपा के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख अनिल बलूनी ने एक बयान में कहा, ‘‘ 2018 की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट मोदी सरकार और भाजपा के प्रति पूर्वाग्रह से प्रेरित है । इस रिपोर्ट की मूल अवधारणा कि यहां अल्पसंख्यकों के साथ हिंसा के पीछे कोई षडयंत्र है, सरासर झूठ है ।’’ 

उन्होंने कहा कि इसके विपरीत ऐसे ज्यादातर मामलों में स्थानीय विवादों और अपराधी तत्वों का हाथ होता है । जब कभी जरूरत हुई तो प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेताओं ने अल्पसंख्यकों तथा समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के विरूद्ध हुई हिंसा की कड़ी अलोचना की है । भाजपा नेता ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं की जड़ें बहुत गहरी हैं । वे पूरी तरह से स्वतंत्र हैं और वे ऐसे विवादों का फैसला करने और दोषियों को सजा देने में पूर्णतया सक्षम है । दुर्भाग्यवश इन तथ्यों को इस रिपोर्ट में बिलकुल नजरंदाज कर दिया गया है। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धांत में विश्वास करती है । मोदी सरकार द्वारा आरंभ तथा कार्यान्वित की गई बड़ी बड़ी योजनाओं से समाज के हर जाति, धर्म और क्षेत्र के लोगों को लाभ हुआ है । बलूनी ने कहा कि भारत की जनता ने भी नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा एवं राजग के विकास एजेंडे में पूर्ण विश्वास जताया है। गौरतलब है कि 21 जून को जारी रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ उकसाने वाले भाषण देते हैं। 

Web Title: India rejects US report on religious freedom, says proud of its secular credentials

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