जनरल बिपिन ने पाकिस्तान को दी चेतावनी, शत्रुतापूर्ण कृत्यों के खिलाफ कड़े कदम उठाने में बिल्कुल नहीं हिचकेंगे
By भाषा | Published: January 16, 2019 05:35 AM2019-01-16T05:35:32+5:302019-01-16T05:35:32+5:30
सेना दिवस पर यहां दिल्ली छावनी में आयोजित समारोह में सैनिकों को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि चीन से लगी सीमा पर अमन चैन बनाये रखने के लिए प्रयास जारी हैं। सीमा पर पहरा दे रहे जवान भारत के हितों से कोई समझौता नहीं होने देंगे।
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत उसके शत्रुतापूर्ण कृत्यों के खिलाफ कड़े कदम उठाने में हिचकेगा नहीं। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सेना नियंत्रण रेखा पर दुश्मनों को ‘‘करारा जवाब’’ दे रही है और उन्हें भारी नुकसान पहुंचा रही है।
सेना दिवस पर यहां दिल्ली छावनी में आयोजित समारोह में सैनिकों को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि चीन से लगी सीमा पर अमन चैन बनाये रखने के लिए प्रयास जारी हैं। सीमा पर पहरा दे रहे जवान भारत के हितों से कोई समझौता नहीं होने देंगे।
सेना की आधुनिकीकरण की योजना पर उन्होंने कहा कि बल में बड़े स्तर पर नवीनीकरण की शुरूआत हो रही है। इसके अलावा मिसाइल, टैंक और एम-777 तथा के9 होवित्जर समेत अन्य शस्त्र शामिल किये जा रहे हैं।
जनरल रावत ने अपने भाषण में जम्मू कश्मीर के हालात की विस्तार से चर्चा की और कहा कि भारत की पश्चिमी सीमा से लगने वाला पड़ोसी देश अब भी आतंकवाद का समर्थन कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे बल नियंत्रण रेखा पर दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब दे रहे हैं। उन्हें भारी नुकसान पहुंच रहा है। मैं सीमा पार अपने दुश्मनों को चेतावनी दे रहा हूं कि हम किसी भी शत्रुतापूर्ण कृत्य के खिलाफ कड़े कदम उठाने में हिचकेंगे नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में सीमा पर मनोबल ऊंचा बना रहे।’’ जनरल रावत ने कहा कि भारतीय सेना ने राज्य में आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में युवकों को आतंकित कर हथियार हाथ में लेने को मजबूर किया जा रहा है।
सेना प्रमुख ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘हम नहीं चाहते कि जम्मू-कश्मीर के लोग परेशान हों। हमारा पड़ोसी देश इन चीजों में लिप्त है। हमारा पड़ोसी देश आतंकवादियों को प्रशिक्षण और हथियार देता है, जिसे विश्व स्तर पर सरकार प्रायोजित आतंकवाद कहा जाता है।’’ चीन के साथ लगी सीमा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत और चीन ने अपनी सेनाओं के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
जनरल रावत ने कहा, ‘‘पूर्वी सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने के प्रयास जारी है। लेकिन हम स्थिति की समीक्षा करते रहेंगे। हमारे सैनिक पूर्वी क्षेत्र में सीमा की निगरानी में कोई समझौता नहीं होने देंगे।’’ साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार द्वारा दिए आदेशों का कठोरता से पालन किया जाएगा।
पूर्वोत्तर की स्थिति पर बात करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि क्षेत्र में स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है और सेना नियमित रूप से उग्रवाद विरोधी अभियान चला रही है। उन्होंने सैनिकों और उनके परिवार वालों से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने में सतर्कता बरतने की अपील करते हुए कहा कि इसका इस्तेमाल कट्टरता फैलाने के लिए किया जा रहा है।
सेना की पिरामिड संरचना की आलोचना पर सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हमारे लिए वीआईपी केवल जवान हैं जो नियंत्रण रेखा पर दुश्मनों का सामना करते हैं।’’ जनरल रावत ने नौसेना और वायु सेना के साथ सामंजस्य पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘‘युद्ध की स्थिति में हम नौसेना और वायुसेना के साथ मिलकर निर्णायक जीत हासिल करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि सेना का व्यापक स्तर पर आधुनिकीकरण किया जा रहा है। सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘आगामी वर्षों में देश के समक्ष मौजूद सुरक्षा चुनौती और जटिल होगी। हमें अपनी लड़ाकू क्षमता को बढ़ाते रहना होगा ताकि हम अपने दुश्मनों को हरा सकें। मैं भरोसा दिलाता हूं कि हम देश की जनता के भरोसे को कायम रखेंगे।’’
दिव्यांग पेंशन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वह इसमें विसंगतियों को समाप्त करने पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने इस मौके पर 15 सेना पदक भी प्रदान किये जिनमें पांच मरणोपरांत दिये गये।
भारतीय सेना हर वर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस मनाती है। 1949 में इसी दिन सेना की कमान जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) के एम करियप्पा ने अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ, जनरल सर एफआरआर बुशर से अपने हाथ में ली थी।