करतारपुर कॉरिडोर की अगली बैठक 2 अप्रैल को, भारत-पाक ने इन पहलुओं पर की चर्चा
By पल्लवी कुमारी | Published: March 14, 2019 04:08 PM2019-03-14T16:08:51+5:302019-03-14T16:08:51+5:30
पिछले साल 2018 नवंबर में भारत और पाकिस्तान ऐतिहासिक गुरद्वारा दरबार साहिब को गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक से जोड़ने के लिए करतारपुर गलियारे का निर्माण करने पर सहमत हुए थे।
पाकिस्तान के करतारपुर शहर में स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर शहर से जोड़ने वाला गलियारा बनाने के लिए तौरतरीकों को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों की 14 मार्च को बैठक हुई। दोनों देशों ने साझा बयान जारी करते हुए कहा है कि करतारपुर कॉरिडोर की अगली बैठक 2 अप्रैल को होगी। इस परियोजना पर दोनों देशों द्वारा सहमति जताने के तीन महीने बाद यह पहली बैठक हुई थी। यह कॉरिडोर पाकिस्तानी शहर करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारतीय पंजाब के गुरदासपुर जिले से जोड़ेगा।
करतारपुर वार्ता पर भारत-पाकिस्तान का संयुक्त बयान आया। जिसमें कहा गया, दोनों पक्षों ने प्रस्तावित गलियारे के संरेखण और अन्य विवरणों पर तकनीकी विशेषज्ञों के बीच विशेषज्ञ स्तर की चर्चा की। 2 अप्रैल 2019 को वाघा में अगली बैठक आयोजित करने पर सहमति हुई है। 14 मार्च की बैठक अटारी वाघा सीमा के भारतीय हिस्से में हुई।
करतारपुर वार्ता पर भारत-पाकिस्तान का संयुक्त बयान में कहा गया, भारत-पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर को लेकर काफी उत्साहित हैं। इस कॉरिडोर को किस तरह संचालित किया जाएगा। इस पर दोनों देशों के अधिकारियों के साथ चर्चा हुई। हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द इस कॉरिडोर का काम पूरा हो और सिख तीर्थयात्रियों को इसका लाभ मिल सके।
India-Pakistan joint statement on Kartarpur talks: Both sides also held expert level discussions between the technical experts on the alignment and other details of the proposed corridor. It was agreed to hold the next meeting at Wagah on 2 April 2019.
— ANI (@ANI) March 14, 2019
भारत-पाकिस्तान के संयुक्त बयान में कहा गया, पहली वार्ता में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तौर-तरीकों और ड्राफ्ट समझौते पर चर्चा की गई। दोनों पक्षों ने प्रस्तावित समझौते के विभिन्न पहलुओं और प्रावधानों पर विस्तृत और रचनात्मक चर्चा की है। करतारपुर साहिब कॉरिडोर का तेजी से संचालन करने की दिशा में काम करने पर सहमति व्यक्त की गई है।
India-Pakistan joint statement on Kartarpur talks: Both sides held detailed and constructive discussions on various aspects and provisions of the proposed agreement and agreed to work towards expeditiously operationalizing the Kartarpur Sahib Corridor. https://t.co/rHFvqejraJ
— ANI (@ANI) March 14, 2019
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षा बलों पर आतंकी हमला होने, इसके बाद आतंकी गुट जैश ए मोहम्मद के बालाकोट स्थित शिविरों पर भारत की ओर से हवाई हमला किए जाने और फिर पाकिस्तान की ओर से कार्रवाई करने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है। इस तनाव के बीच करतारपुर गलियारा मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों की यह पहली बैठक हुई है।
इस बैठक में नई दिल्ली भारतीय श्रद्धालुओं को बिना किसी रूकावट के जाने देने का मुद्दा उठाया गया है। साथ ही इस्लमाबाद की ओर से कहा गया है कि पाकिस्तान स्थित गुरद्वारा दरबार साहिब जाने वाले सिख श्रद्धालुओं को खालिस्तान समर्थक दुष्प्रचार से अलग रखा जाए। भारतीय पक्ष में केंद्रीय गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, बीएसएफ, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और पंजाब सरकार के प्रतिनिधि शामिल थे।
पिछले साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान ऐतिहासिक गुरद्वारा दरबार साहिब को गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक से जोड़ने के लिए करतारपुर गलियारे का निर्माण करने पर सहमत हुए थे। गुरद्वारा दरबार साहिब में सिख पंथ के संस्थापक गुरू नानकदेव ने अपना आखिरी समय व्यतीत किया था। करतारपुर साहिब पाकिस्तान में पंजाब के नरोवाल जिले में है। रावी नदी के दूसरी ओर स्थित करतारपुर साहिब की डेरा बाबा नानक गुरद्वारे से दूरी करीब चार किमी है।