सूचना के इस युग में विश्व के देशों से आगे निकलने की स्थिति में है भारत: मोदी
By भाषा | Published: November 19, 2020 04:54 PM2020-11-19T16:54:28+5:302020-11-19T16:54:28+5:30
बेंगलुरु, 19 नवंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत इस अनूठी स्थिति में है कि वह सूचना के इस युग में विश्व के देशों से आगे निकल सकता है और अब भारत में तैयार तकनीक समाधानों को विश्व में पहुंचाने का समय आ गया है।
मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से तीन दिवसीय प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन ‘बेंगलुरु टेक समिट-2020’ का उद्घाटन करते हुए कहा कि केंद्र सरकार का ‘‘डिजिटल इंडिया’’ कार्यक्रम आज लोगों की जीवनशैली बन गया है, खासकर उन लोगों की, जो गरीब हैं, हाशिए पर हैं तथा वे जो सरकार में हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘एक देश के रूप में भारत इस अनूठी स्थिति में है कि वह सूचना के इस युग में विश्व के देशों से आगे निकल सकता है। भारत के पास दक्ष बुद्धि क्षमता का मानव संसाधन है साथ ही साथ बड़ा बाजार भी है। हमारे स्थानीय तकनीकी समाधानों में वैश्विक बनने की क्षमता है। यह ऐसा समय है जब तकनीकी समाधान भारत में विकसित हों और विश्व में उनका इस्तेमाल किया जाए।’’
हाल ही में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की बाधाओं को खत्म किए जाने संबंधी सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार के नीतिगत फैसलों में अब तकनीकी और नवाचार उद्योग के लिए उदार रुख रखते हुए नियम बनाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार हमेशा यह प्रयास करती रही है कि तकनीकी उद्योग के सभी पक्षकारों के साथ मिलकर भविष्य में भी इस्तेमाल होने योग्य सुरक्षित नीतियों का भारतीय फ्रेमवर्क में निर्माण किया जाए।’’
प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि फ्रेमवर्क स्तर की क्षमता सफल उत्पादों का एक ‘इको सिस्टम’ विकसित करने की है।
उन्होंने फ्रेमवर्क लेवल माइंडसेट द्वारा की गई कुछ पहल का उल्लेख किया जिसमें यूपीआई, राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन, स्वामित्व योजना इत्यादि शामिल हैं।
तेजी से तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ाकर साइबर सुरक्षा समेत आंकड़ा संरक्षण पर जोर देते हए उन्होंने देश के युवाओं का आह्वान किया कि वे साइबर सुरक्षा को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाएं और साइबर हमलों तथा वायरस आदि से डिजिटल उत्पादों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
जैवविज्ञान और इंजीनियरिंग जैसे विज्ञान के क्षेत्रों में नवाचार के लिए संभावना और आवश्यकताओं पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि नवाचार भारत की प्रगति की कुंजी है और यह स्पष्ट है कि भारत को इसका लाभ मिलने जा रहा है क्योंकि जब नवाचार की बात आती है तब इसकी संभावना इसलिए अच्छी दिखाई देती है क्योंकि हमारे देश का प्रतिभावान युवा नवाचार के लिए ऊर्जा से ओतप्रोत है।
उन्होंने कहा कि देश के युवाओं की क्षमता और तकनीक के लिए संभावनाएं अनंत हैं। उन्होंने कहा कि यह समय ऐसा है जब हम अपना सबसे बेहतर योगदान दें और उनका इस्तेमाल करें।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सूचना और प्रौद्योगिकी का क्षेत्र देश को निरंतर गौरवान्वित करता रहेगा।
केंद्रीय योजनाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक तेजी से पहुंचाने और पारदर्शिता को प्रोत्साहित करने में प्रौद्योगिकी से मिल रही मदद का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से उठाए गए तकनीकी कदमों से कैसे प्रशासन के लाभ को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में मदद मिली है।
मोदी ने कहा, ‘‘पांच साल पहले हमने डिजिटल इंडिया की शुरुआत की थी। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इसे सरकार की किसी सामान्य पहल की तरह नहीं देखा जा रहा है। डिजिटल इंडिया जीवनशैली बन गया है, खासकर उन लोगों की जो गरीब और हाशिए पर हैं तथा वे जो सरकार में हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया की वजह से आज देश में मानव केंद्रित विकास हो रहा है। इतने बड़े स्तर पर इसके इस्तेमाल ने नागरिकों के जीवन में कई बदलाव किए हैं और इससे मिल रहे फायदे से हर कोई वाकिफ है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से मानव गरिमा में वृद्धि हुई है। आज करोड़ों किसानों को सिर्फ एक क्लिक के जरिए आर्थिक मदद पहुंचती है। जब देश में लॉकडाउन चरम पर था, तब यह प्रौद्योगकी ही थी जिसने भारत के गरीबों को मदद सुनिश्चित की।’’
उन्होंने कहा कि चाहे विश्व का सबसे बड़ा स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम ‘आयुष्मान भारत’ हो या गरीबों तक बिजली पहुंचाना और उन्हें आवास दिलाना हो, इनके शीघ्र कार्यान्वयन के लिए तकनीकी समाधान निकालना उनकी सरकार की नीति है।
‘बेंगलुरु टेक समिट’ में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, स्विस कॉन्फेडरेशन के उपाध्यक्ष गाई पारमेलिन और कई अन्य गणमान्य हस्तियां भाग लेंगी।
इनके अलावा, इस कार्यक्रम में भारत तथा पूरे विश्व के अग्रणी विचारक, उद्योग जगत की अग्रिम पंक्ति के नायक, तकनीकी विशेषज्ञ, अनुसंधानकर्ता, नवोन्मेषक, निवेशक, नीति निर्माता तथा शिक्षा क्षेत्र की महत्वपूर्ण हस्तियां भी शामिल होंगी।
तीन दिनों के इस सम्मेलन का आयोजन कर्नाटक सरकार ने ‘कर्नाटक नवाचार एवं प्रौद्योगिकी सोसाइटी’ (केआईटीएस), कर्नाटक सरकार के इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी संबंधी विजन ग्रुप, बायोटेक्नोलॉजी एंड स्टार्टअप, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) और एम.एम. एक्टिव साइंस टेक कम्युनिकेशन्स के सहयोग से किया है।
इस वर्ष सम्मेलन का मुख्य विषय ‘नेक्स्ट इज नाओ’ है। इसके तहत कोविड-19 महामारी के बाद के विश्व में उभरती मुख्य चुनौतियां और ‘सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स’ तथा बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रमुख प्रौद्योगिकी और नवोन्मेषी तकनीकों के प्रभाव पर मुख्य रूप से चर्चा होगी।
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