जम्मू कश्मीर पर भारत के कदम को चीन ने बताया अवैध, तो मोदी सरकार ने कहा- हमारे आंतरिक मामलों में न करें टिप्पणी

By भाषा | Published: August 6, 2020 05:58 AM2020-08-06T05:58:23+5:302020-08-06T05:58:23+5:30

भारत ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा की थी।

India hits out at China over comments on Jammu and Kashmir | जम्मू कश्मीर पर भारत के कदम को चीन ने बताया अवैध, तो मोदी सरकार ने कहा- हमारे आंतरिक मामलों में न करें टिप्पणी

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsबीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पाकिस्तानी संवाददाता द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए जम्मू कश्मीर पर टिप्पणी की। चीनी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर चीन का रुख ‘पहले की तरह एवं स्पष्ट’ है।

नई दिल्ली:  भारत ने जम्मू कश्मीर के 2019 में किये गये पुनर्गठन को ‘‘अवैध एवं अमान्य’’ बताने को लेकर बुधवार (5 अगस्त) को चीन की आलोचना करते हुए कहा कि इस विषय पर बीजिंग का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है ओर उसे दूसरे देशों के अंदरूनी मामलों में टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने जम्मू कश्मीर पर भारत के फैसले के एक साल पूरा होने के मौके पर चीन की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस विषय पर चीन के पास कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- जम्मू कश्मीर की यथास्थिति में कोई भी एकतरफा बदलाव अवैध एवं अमान्य है

इसे कुछ ही घंटे पहले, बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि जम्मू कश्मीर की यथास्थिति में कोई भी एकतरफा बदलाव अवैध एवं अमान्य है, जिसके बाद भारत ने यह प्रतिक्रिया दी। श्रीवास्तव ने चीन की टिप्पणियों पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हमने भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर गौर किया है। चीनी पक्ष का इस विषय पर कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है और उसे अन्य राष्ट्रों के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी नहीं करने की सलाह दी जाती है।’’

चीन जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन का करता है विरोध

चीन जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के विरोध में रहा है और उसने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने को लेकर नयी दिल्ली की आलोचना की है।  चीन लद्दाख के कई हिस्सों पर दावा करता है। चीनी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर चीन का रुख ‘पहले की तरह एवं स्पष्ट’ है।

बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पाकिस्तानी संवाददाता द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व दोनों देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के मूल हितों को पूरा करता है। उन्होंने कहा, “चीन कश्मीर क्षेत्र के हालात पर करीबी नजर रखता है। हमारा रुख सुसंगत और स्पष्ट है। यह पाकिस्तान और भारत के बीच इतिहास का छोड़ा हुआ एक विवाद है। यह यूएन चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और भारत व पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय समझौतों से स्थापित वस्तुगत तथ्य है।”

उन्होंने यहां विदेश मंत्रालय की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “यथास्थिति में कोई भी एकतरफा बदलाव अवैध और अमान्य है। यह मुद्दा संबंधित पक्षों के बीच बातचीत और वार्ता के जरिये उचित रूप से शांतिपूर्ण ढंग से हल होना चाहिए।”

चीन कश्मीर क्षेत्र के हालात पर करीबी नजर रखता है। हमारा रुख सुसंगत और स्पष्ट है- चीन विदेश मंत्रालय

चीन ने पिछले साल भारत के कदम को “अस्वीकार्य” करार दिया था। प्रवक्ता ने कहा, “पाकिस्तान और भारत पड़ोसी देश हैं जिन्हें दूर नहीं किया जा सकता। शांतिपूर्ण सहअस्तित्व दोनों के मूल हितों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अकांक्षाओं को पूरा करता है।”

उन्होंने कहा, “चीन उम्मीद करता है कि वे अपने मतभेदों को बातचीत के जरिये उचित तरीके से निबटा और संबंधों को सुधार सकते हैं और दोनों देशों तथा व्यापक क्षेत्र में शांति, स्थिरता और विकास सुनिश्चित कर सकते हैं।” भारत के फैसले के बाद चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दा उठाने की कई बार कोशिश की है। हालांकि, इन कोशिशों को वैश्विक संस्था के अन्य सदस्य देशों ने खारिज कर दिया। चीनी प्रवक्ता की यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर गतिरोध बना हुआ है। 

Web Title: India hits out at China over comments on Jammu and Kashmir

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