भारत ने कोविड-19 महामारी से डटकर सामना कियाः उच्चतम न्यायालय
By भाषा | Published: February 24, 2021 09:55 PM2021-02-24T21:55:38+5:302021-02-24T21:55:38+5:30
नयी दिल्ली, 24 फरवरी उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि भारत ने कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुई अभूतपूर्व स्थिति से डटकर सामना किया और अर्थव्यवस्था एवं आम आदमी का जीवन उम्मीद से कम समय में पटरी पर लौट रहा है।
आपदा प्रबंधन कानूनों का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि देश में कानूनी और प्रशासनिक साधन थे ताकि राज्य को महामारी से उत्पन्न होने वाले कई संकटों से बचाया जा सके और उनका प्रबंधन किया जा सके।
न्यायालय ने कहा कि महामारी ने अप्रत्याशित स्थिति से सीखने के लिए सभी लोगों के लिए अपने प्रभाव छोड़े हैं।
अदालत ने कहा कि समाज के हर व्यक्ति का जीवन अचानक से बदल गया। काम करने के तरीके से लेकर सामाजिक सुरक्षा और मानवाधिकारों तक, वृहद अर्थव्यवस्था से लेकर घर की आय में बदलाव आया।
उसने कहा कि महामारी ने सबको इतना मजबूत बना दिया है कि अगर भविष्य में मुश्किल हालात पैदा होते हैं तो वे इस अनुभव से उसका सामना कर सकेंगे।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर , न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने यूपीएससी सिविल सेवा के अभ्यर्थियों की ओर से दायर उस याचिका को खारिज कर दिया ,जिसमें उन्होंने वैश्विक महामारी के कारण अक्टूबर 2020 में सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा का आखिरी अवसर ले चुके छात्रों या महामारी के दौरान उम्र सीमा पूरी कर चुके छात्रों को परीक्षा का एक और मौका दिए जाने का अनुरोध किया गया था। इन अभ्यर्थियों ने याचिका में महामारी के कारण परीक्षा की तैयारियों में मुश्किलों का हवाला दिया था।
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