अफगानिस्तान में बदलावों के प्रभाव को लेकर चिंतित है भारत: विदेश सचिव श्रृंगला

By भाषा | Updated: September 20, 2021 17:01 IST2021-09-20T17:01:13+5:302021-09-20T17:01:13+5:30

India concerned about impact of changes in Afghanistan: Foreign Secretary Shringla | अफगानिस्तान में बदलावों के प्रभाव को लेकर चिंतित है भारत: विदेश सचिव श्रृंगला

अफगानिस्तान में बदलावों के प्रभाव को लेकर चिंतित है भारत: विदेश सचिव श्रृंगला

नयी दिल्ली, 20 सितंबर विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान के पड़ोसी देश के रूप में, भारत उस देश में हाल के परिवर्तनों और क्षेत्र के लिए उनके प्रभाव के बारे में स्वाभाविक रूप से चिंतित है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा अफगानिस्तान पर हाल में पारित प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव मुख्य लंबित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है। उन्होंने मांग की कि अफगान क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी कृत्यों को आश्रय देने, प्रशिक्षण, उनकी साजिश रचने या वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

छठे जेपी मॉर्गन ‘भारत निवेशक सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए विदेश सचिव ने कहा, ‘‘हमारे पड़ोस की स्थिति, विशेष रूप से अफगानिस्तान में, और हमारी पूर्वी सीमाओं पर चीन के साथ हमारी स्थिति हमें याद दिलाती है कि जहां नई वास्तविकताएं खुद को महसूस कर रही हैं, वहीं पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियां बनी हुई हैं।’’

पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के बारे में बात करते हुए, श्रृंगला ने कहा कि पिछले एक साल में क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा बदलने के चीनी प्रयासों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने चीनी पक्ष को स्पष्ट कर दिया है कि हमारे संबंधों के विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति आवश्यक है। भारत-चीन संबंधों का विकास केवल 'तीन परस्पर कारकों' - आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हितों पर आधारित हो सकता है।’’

अफगानिस्तान के संदर्भ में विदेश सचिव ने कहा कि नयी दिल्ली हालिया घटनाक्रम का भारत और क्षेत्र के लिए होने प्रभावों को लेकर चिंतित है।

उन्होंने कहा, ‘‘एक सन्निकट पड़ोसी के रूप में, हम स्वाभाविक रूप से अफगानिस्तान के भीतर हाल के परिवर्तनों और हमारे और क्षेत्र के लिए उनके प्रभाव के बारे में चिंतित हैं।’’

श्रृंगला ने कहा कि भारत का ध्यान अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों को निकालने पर था और अधिकतर भारतीय नागरिक अगस्त में काबुल से निकलने में सफल रहे।

उन्होंने कहा, ‘‘अल्पसंख्यकों सहित कई अफगान, जो भारत की यात्रा करना चाहते थे, वे भी ऐसा करने में सक्षम हुए हैं। हालांकि, हवाई अड्डे पर सुरक्षा की स्थिति के कारण यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।’’

श्रृंगला ने कहा, ‘‘इसलिए काबुल हवाईअड्डे से उड़ानों का बहाल होना प्राथमिकता में है। हम बनते-बदलते हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं।’’

उन्होंने अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2593 का भी उल्लेख किया, जिसे 30 अगस्त को वैश्विक निकाय ने भारत की अध्यक्षता में अपनाया था। उन्होंने कहा कि यह उस देश से संबंधित मुख्य लंबित मुद्दों को व्यापक रूप से संबोधित करता है।

श्रृंगला ने कहा, ‘‘प्रस्ताव में मांग की गई है कि अफगान क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी कृत्यों के लिए पनाह देने, प्रशिक्षण, योजना बनाने या वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाना चाहिए; और विशेष रूप से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों को संदर्भित करता है।’’

विदेश सचिव ने कहा कि अफगानिस्तान की मानवीय जरूरतों से संबंधित घटनाक्रम पर भारत नजर रख रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के आकलन में, अफगानिस्तान में गरीबी के स्तर के बढ़ने का आसन्न खतरा है। आसन्न सूखे और खाद्य सुरक्षा संकट का भी खतरा है।’’

विदेश सचिव ने कहा, ‘‘मानवीय सहायता प्रदाताओं को अफगानिस्तान तक निर्बाध और सीधा संपर्क प्रदान करना महत्वपूर्ण है।’’

उन्होंने अफगान समाज के सभी वर्गों के लिए बिना भेदभाव के मानवीय सहायता सामग्री के वितरण पर भी जोर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान के प्रति भारत का दृष्टिकोण अफगान लोगों के साथ हमारे सभ्यतागत संबंधों द्वारा निर्देशित है। हमने अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण के लिए विकास सहायता के रूप में 3 अरब डॉलर से अधिक राशि दी है।’’

विदेश सचिव ने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान के सभी 34 प्रांतों में फैली 500 से अधिक विकास परियोजनाओं को अपने हाथ में लिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘इन पहलों ने हमें देश में जबरदस्त सद्भावना अर्जित कराई है। अफगान लोगों के साथ हमारी मित्रता भविष्य में हमारे दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करती रहेगी।

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Web Title: India concerned about impact of changes in Afghanistan: Foreign Secretary Shringla

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