India-China Diplomatic Talk: सीमा पर विवाद कम करने के लिए भारत-चीन के बीच हुई राजनयिक वार्ता, विदेश मंत्रालय ने कहा- LAC का सम्मान करे चीन
By सुमित राय | Published: June 24, 2020 07:27 PM2020-06-24T19:27:23+5:302020-06-24T19:41:08+5:30
भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी विवाद को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच बुधवार को कूटनीतिक चर्चा हुई, जिसमें भारत ने गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प पर चिंता व्यक्त की।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में 5 मई को शुरू हुआ तनावपूर्ण माहौल अभी तक कायम है। 15 जून को दोनों देशों के जवानों के बीच खूनी संघर्ष के बाद पहली बार सीमा विवाद को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच बुधवार को कूटनीतिक चर्चा हुई। वार्ता के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर मीटिंग को लेकर जानकारी दी।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत-चीन ने सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष रूप से पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। भारतीय पक्ष ने पूर्वी लद्दाख में हाल में हुईं घटनाओं पर अपनी चिंता व्यक्त की जिसमें 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प शामिल थी।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि वार्ता के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि भारत-चीन को एलएसी का सख्ती से सम्मान और निरीक्षण करना चाहिए। दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने सहमति व्यक्त कर कहा कि इस तरह की समझ द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति स्थापित करने और दोनों देशों के व्यापक विकास में मदद करेगा।
it was emphasised that India-China should strictly respect and observe the line of actual control: MEA https://t.co/Ia0Ww2o1vG
— ANI (@ANI) June 24, 2020
Two delegations agreed that implementation of this understanding expeditiously, in accordance with the bilateral agreements&protocols, would help ensure peace and tranquillity in border areas&development of broader relationship b/w two countries: MEA
— ANI (@ANI) June 24, 2020
लद्दाख में 15 जून को शहीद हुए थे 20 भारतीय जवान
बता दें कि सोमवार को लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ खूनी झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 जवान शहीद हो गए थे। भारतीय सेना ने बताया है कि शहीद हुए जवानों में 15 जवान बिहार रेजिमेंट से थे। इसके अलावा पंजाब रेजिमेंड के 3, 81 एमपीएससी रेजिमेंट और 81 फील्ड रेजिमेंट के एक-एक जवान शहीद हुए।