हिंद महासागर में साथ काम करेंगे भारत और फ्रांस

By IANS | Published: March 10, 2018 09:01 PM2018-03-10T21:01:57+5:302018-03-10T21:01:57+5:30

वार्ता के बाद मैक्रों के साथ संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "हम दोनों सहमत हैं कि भविष्य में हिंद महासागर क्षेत्र दुनिया में शांति व समृद्धि लाने और विकास करने में अहम भूमिका निभाएगा।"

India and France will work together in the Hind Mahasagar | हिंद महासागर में साथ काम करेंगे भारत और फ्रांस

हिंद महासागर में साथ काम करेंगे भारत और फ्रांस

नई दिल्ली, 10 मार्च: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों देशों ने शनिवार को हिंद महासागर क्षेत्र में, रक्षा सहयोग बढ़ाने व पूरी शिद्दत के साथ आतंकवाद का मुकाबला करने पर सहमति जताई और दोनों पक्षों ने अंतरिक्ष सहयोग और हाई स्पीड रेलवे समेत 14 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। वार्ता के बाद मैक्रों के साथ संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "हम दोनों सहमत हैं कि भविष्य में हिंद महासागर क्षेत्र दुनिया में शांति व समृद्धि लाने और विकास करने में अहम भूमिका निभाएगा।"

उन्होंने कहा, "चाहे बात पर्यावरण की हो या समुद्री सुरक्षा व संसाधन, नौवहन या ओवरफ्लाइट की स्वतंत्रता की हो हम अपने सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

मोदी ने कहा कि दोनों देश हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग के लिए एक संयुक्त रणनीतिक नजरिया जारी कर रहे हैं। इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभुत्व को देखा जा सकता है। वहीं मैक्रों ने कहा कि फ्रांस और भारत आंतकवाद के खिलाफ अपनी रणनीतिक साझेदारी को एक नई गति दे रहे हैं।

रक्षा, सुरक्षा, अंतरिक्ष और उच्च प्रौद्योगिकी में सहयोग के लंबे इतिहास का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों पर दोनों देशों में द्विदलीय समर्थन है। उन्होंने कहा, "हम गहरे रक्षा संबंधों को साझा करते हैं और इस क्षेत्र में फ्रांस हमारे सबसे भरोसेमंद साझेदारों में से एक है।"

उन्होंने कहा, "हमारे रक्षा बलों की सभी सेवाएं नियमित रूप से चर्चाएं और संयुक्त अभ्यास आयोजित करती हैं। रक्षा उपकरणों और निर्माण में हमारे बीच मजबूत संबंध हैं। हम रक्षा क्षेत्र में फ्रांस की मेक इन इंडिया प्रतिबद्धता का स्वागत करते हैं।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि शुक्रवार को दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच पारस्परिक रसद समर्थन प्रावधान समझौते पर हस्ताक्षर करीबी रक्षा सहयोग की ओर उठाया गया एक स्वर्णिम कदम है।

मोदी ने यह भी कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के सुनहरे भविष्य के लिए दोनों देशों की जनता के बीच खासतौर से युवाओं के बीच संबंध सबसे महत्वपूर्ण आयाम है। उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि हमारे युवा जानें, देखें, समझें और एक दूसरे के साथ मिलकर काम करें। इस प्रक्रिया में हजारों राजदूत उभकर सामने आएंगे।"

उन्होंने कहा कि इसके लिए शनिवार को वार्ता के बाद दो समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। एक, अकादमिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता पर और दूसरा गतिशीलता और प्रवास साझेदारी पर। मोदी ने कहा कि भारत और फ्रांस के संबंधों को सभी क्षेत्रों में लाया जाएगा। जिसमें रेलवे, शहरी विकास, पर्यावरण, सुरक्षा और अंतरिक्ष शामिल हैं।

जिन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए उसमें हाई स्पीड और सेमी हाई स्पीड रेल में सहयोग, स्थायी शहरी विकास, स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए 10 करोड़ की ऋण सुविधा, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में दोनों देशों की सरकारों और तकनीकी विशेषज्ञों के बीच सूचना का आदान प्रदान और फ्रांस और भारत के हित के क्षेत्रों में जहाजों की पहचान और निगरानी के लिए क्रमानुसार समाधान का प्रावधान शामिल है। 

मैक्रों भारत के चार दिवसीय दौरे के दौरान शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे थे। इस यात्रा के दौरान वह रविवार को मोदी के साथ अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) सम्मेलन की सह अध्यक्षता भी करेंगे। 

आईएसए को सौर संसाधन संपन्न देशों के गठबंधन के रूप में जाना जाता है। गठबंधन का निर्माण इसलिए किया गया है कि वह अपनी विशेष ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकें।

यह गठबंधन कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच आने वाले 121 संभावित सदस्य देशों के लिए खुला हुआ है। कुछ 60 देशों ने आईएसए के रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और 30 ने सत्यापन दस्तावेज जमा किए हैं।

रविवार को होने वाले संस्थापक सम्मेलन में सत्यापन दस्तावेज जमा कराने वाले 23 देश और रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले 24 देश उपस्थित होंगे।

मोदी ने कहा कि बड़ी संख्या में राष्ट्राध्यक्ष और सरकार व देशों के मंत्री मैक्रों के साथ सम्मेलन में शिरकत करेंगे। उन्होंने कहा, "हम इंटरनेशनल सोलर एलायंस की सफलता के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

इससे पहले मैक्रों का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया, जिसके बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि फ्रांस, भारत का सबसे बेहतरीन साझेदार देश और यूरोप में भारत के प्रवेश का बिंदु होना चाहिए। 

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी मैंक्रों से मुलाकात की। भारत में अपनी यात्रा कार्यक्रम के दौरान मैक्रों आगरा और वाराणसी का दौरा भी करेंगे। साथ ही वह नई दिल्ली में छात्रों से भी मुखातिब होंगे।

वह सोमवार को वाराणसी की यात्रा के दौरान 75 मेगावॉट सौर संयंत्र का उद्घाटन करेंगे। मई 2017 में कार्यालय संभालने के बाद मैक्रों का यह पहला भारत दौरा है।

Web Title: India and France will work together in the Hind Mahasagar

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