लाइव न्यूज़ :

भारत की पहली महिला हृदय रोग विशेषज्ञ की कोरोना से मौत, 'गॉडमदर ऑफ कार्डियोलॉजी' के नाम से थीं मशहूर

By विनीत कुमार | Updated: August 31, 2020 10:19 IST

भारत की पहली महिला कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एसआई पद्मावती का 103 साल की उम्र में कोरोना संक्रमण से निधन हो गया है। उन्हें 1967 में पद्म भूषण और फिर 1992 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है।

Open in App
ठळक मुद्देभारत की पहली महिला कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एसआई पद्मावती का निधनडॉक्टर पद्मावती की उम्र 103 साल थी, वे इसी महीने की शुरुआत में कोरोना संक्रमित हुई थीं

भारत की पहली महिला कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एसआई पद्मावती का निधन हो गया है। वे 103 वर्ष की थीं। डॉक्टर पद्मावती की मौत कोरोना की वजह से हुई। नेशनल हार्ट इंस्टट्यूट (एनएचआई) के सीईओ डॉक्टर ओपी यादव ने बताया कि उन्हें करीब दो सप्ताह पहले एनएचआई में भर्ती कराया गया था। उनके दोनों फेफड़ों में संक्रमण फैल गया था जिसकी वजह से शनिवार रात उनकी मौत हो गई। उनका अंतिम संस्कार पश्चिमी दिल्ली में पंजाबी बाग में किया गया।

2015 तक 12-12 घंटे कर रही थीं काम

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार डॉ पद्मावती हफ्ते में पांच दिन 12-12 घंटे तक एनएचआई में काम करती थीं। एनएचआई की स्थापनी उनके ही द्वारा 1981 में की गई थी। उनकी काम के प्रति इसी लगन ने उन्हें 'गॉडमदर ऑफ कार्डियोलॉजी' के नाम से मशहूर कर दिया। 

उनका अहम योगदान 1954 में लेडी हार्गिंग कॉलेज में उत्तर भारत के पहला कार्डियेक कैथेटेरिसेशन लेबोरेट्री की स्थापना में भी रहा है। वे कोरोना से इस महीने की शुरुआत में संक्रमित होने से पहले तक स्वस्थ थीं। उन्हें जानने वाले बताते हैं कि वे 93-94 साल की उम्र तक तैराकी करती रही थीं।

पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित

डॉ पद्मावती को 1967 में पद्म भूषण और फिर 1992 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। साल 1917 में बर्मा (अब म्यांमार) में जन्मीं डॉ पद्मावती ने रंगून मेडिकल कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। यहीं से उन्होंने कार्डियोलॉजी में अपना करियर भी शुरू किया।

साल 1967 में वे मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की डायरेक्टर-प्रिंसिपल बनाई गईं। यहां उन्होंने कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापनी की। दिल्ली हेल्थ एंड लंग इस्ट्यूट के चेयरमैन डॉक्टर केके शेट्ठी बताते हैं, 'वो एक रोल मॉडल थीं। हमने मरीजों से अच्छा रिश्ता बनाने को लेकर भी उनसे काफी कुछ सीखा है। मेरी उनसे पहली मुलाकात एक परीक्षा के हॉल में हुई थी जब वे एक्सटर्नल एग्जामिनर के तौर पर आई थीं।'

टॅग्स :कोरोना वायरसहर्षवर्धन
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

भारत'बादल बम' के बाद अब 'वाटर बम': लेह में बादल फटने से लेकर कोविड वायरस तक चीन पर शंका, अब ब्रह्मपुत्र पर बांध क्या नया हथियार?

स्वास्थ्यसीएम सिद्धरमैया बोले-हृदयाघात से मौतें कोविड टीकाकरण, कर्नाटक विशेषज्ञ पैनल ने कहा-कोई संबंध नहीं, बकवास बात

स्वास्थ्यमहाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 12 मामले, 24 घंटों में वायरस से संक्रमित 1 व्यक्ति की मौत

स्वास्थ्यअफवाह मत फैलाओ, हार्ट अटैक और कोविड टीके में कोई संबंध नहीं?, एम्स-दिल्ली अध्ययन में दावा, जानें डॉक्टरों की राय

भारत अधिक खबरें

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा

भारतलालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव पर ₹356000 बकाया?, निजी आवास का बिजली कनेक्शन पिछले 3 साल से बकाया राशि के बावजूद चालू

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल