लालू यादव के परिवार का नहीं हो रहा संकट कम, आयकर विभाग ने जब्त की राबड़ी और उनकी बेटी की अवैध संपत्ति
By एस पी सिन्हा | Published: January 31, 2019 07:20 PM2019-01-31T19:20:06+5:302019-01-31T19:20:06+5:30
राबड़ी देवी और हेमा यादव को गिफ्ट देने वाले दोनों स्टाफ के पास कोई अपना घर नहीं है. दोनों ही किराये के मकान में रहते हैं. ये दोनों गोपालगंज जिले के रहने वाले हैं और वे पहले लालू प्रसाद यादव की गोशाला में काम करते थे.
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा. रेलवे होटल टेंडर घोटाले में भले हीं उन्हें नियमित जमानत तो मिल गई है. लेकिन अब आयकर विभाग ने बेनामी एक्ट संपत्ति मामले में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी बेटी हेमा यादव की अवैध संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी कर दिया है.
विभाग की एडजुकेटिंग ऑथिरिटी के स्तर से जारी इस आदेश के बाद जल्द ही इनकी संपत्ति को विभाग अपने कब्जे में ले लेगा. इनके नाम से मौजूद तीन प्लॉट को जब्त किया गया है. आयकर विभाग की ओर से जारी इस आदेश के बाद जल्द ही इनकी संपत्ति को विभाग अपने कब्जे में ले लेगा. इनके नाम से मौजूद तीन प्लॉट को जब्त किया गया है. कहा जा रहा है कि दोनों को ये प्लॉट गिफ्ट में दिये गए थे.
सूत्रों की मानें तो जब्त किए जाने वाले प्लॉटों में पटना के सगुना मोड़ के पास ढाई डिसमिल का एक प्लॉट है, जबकि पौने आठ डिसमिल के दो प्लॉट फुलवारी शरीफ के निकट धनौत में हैं. यह भी कहा जा रहा है कि सगुना मोड के निकट की जमीन हृदयानंद चौधरी के नाम पर थी, जबकि धनौत की जमीन ललन चौधरी के नाम पर थी.
हृदयानंद वर्तमान में रेलवे में फोर्थ ग्रेड स्टाफ है तथा राजेंद्र नगर टर्मिनल पर पदस्थापित है. वहीं ललन चौधरी विधानसभा में कार्यरत है. ललन भी फोर्थ ग्रेड स्टाफ है. बताया जाता है कि जब्ती से पहले राबडी देवी और हेमा यादव से इनकम टैक्स ने कई सवाल किये, लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिला.
खास बात है कि राबड़ी देवी और हेमा यादव को गिफ्ट देने वाले दोनों स्टाफ के पास कोई अपना घर नहीं है. दोनों ही किराये के मकान में रहते हैं. ये दोनों गोपालगंज जिले के रहने वाले हैं और वे पहले लालू प्रसाद यादव की गोशाला में काम करते थे.
बताया जाता है कि इन दोनों कर्मियों ने जनवरी, 2014 में अपनी-अपनी जमीन राबड़ी देवी और हेमा यादव को गिफ्ट कर दी थी. गिफ्ट के दौरान की गई रजिस्ट्री के रुपये भी इन दोनों ने अपनी तरफ से दिये थे. सगुना में मौजूद प्लॉट राबड़ी देवी के नाम से है, जबकि धनौत के दो प्लॉट में एक राबड़ी देवी और एक हेमा यादव के नाम पर है.
गिफ्ट देने वाले इन दोनों कर्मियों के पास रहने के लिए अपना घर तक नहीं है. ये दोनों वर्तमान में किराये के मकान में रहते हैं. फिर भी राबड़ी देवी और हेमा यादव को अपने प्लॉट गिफ्ट कर दिये. दोनों कर्मियों ने अपनी प्रॉपर्टी रिटर्न में भी दोनों प्लॉट का कहीं कोई उल्लेख नहीं किया है.
सबसे ताज्जुब वाली बात यह है कि इन दोनों कर्मियों ने एक साथ दोनों प्लॉट 2008 में खरीदे थे और दोनों ने फिर एक साथ ही इन्हें गिफ्ट भी कर दिया. इस मामले को लेकर अगस्त और सितंबर, 2018 में राबडी देवी और हेमा यादव को आयकर का नोटिस भी भेजा गया था. तब इसके बाद उन्होंने आनन-फानन में इन दोनों प्लॉट को विधायक अबु दोजाना की कंपनी मेरिडियन कंस्ट्रक्शन को बेच दिया.
संपत्ति की जब्ती की कार्रवाई से बचाने के लिए ऐसा किया था. लेकिन बेनामी संपत्ति एक्ट के तहत यह प्रावधान है कि बेनामी संपत्ति साबित होने के बाद अगर किसी ने इसे बेच भी दिया, तो इसका डीड रद्द हो जाता है. इस तरह संपत्ति बेचने के बाद भी इनका डीड रद्द हो गया और इन्हें जब्त कर लिया गया.