देश की 50% आबादी से ज्यादा दौलत 0.1% अमीरों के पास: रिपोर्ट
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: December 15, 2017 04:57 PM2017-12-15T16:57:31+5:302017-12-15T18:08:57+5:30
मोदी सरकार की तमाम को कोशिशों के बावजूद भी भारत की आर्थिक असमानता लगातार बढ़ती जा रही है।
मोदी सरकार की तमाम को कोशिशों के बावजूद भी भारत की आर्थिक असमानता लगातार बढ़ती जा रही है। इस पर 1980 से कोई भी सरकार ब्रेक नहीं लगा पा रही है। वर्ल्ड इनेक्वलिटी लैब की ताजा रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि भारत में आर्थिक असमानता ऐतिहासिक रूप से उच्च स्तर पर पहुंच गई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 0.1 फीसद सबसे अमीर लोगों की संपदा 50 फीसद सबसे गरीब आबादी की कुल संपत्ति से भी ज्यादा पहुंच गई है। वहीं, 1947 में देश आजाद होने के बाद 30 सालों तक असमानता कम हुई थी।
वर्ल्ड इनेक्वलिटी लैब की यह रिपोर्ट अर्थशास्त्री फैकुंडो एलवारेडो, लुकास चैनसेल, थॉमस पिकेटी, इमैनुअल सैज और गैब्रियल जुकमैन ने तैयार की है। इसमें इन्होंने पिछले 40 वर्षों में वैश्विक असमानता के प्रभाव को दर्शाया है।
यह अध्ययन आय और संपदा में असमानता के सबसे बड़े आंकड़ों पर किया गया है। इसका सीधा मतलब वैश्विक स्तर पर आर्थिक असमानता को लेकर लोकतांत्रिक बहस के जरिए इन तथ्यों से दुनिया को अवगत कराना है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2014 में भारत में केवल एक फीसदी लोगों की आमदनी का राष्ट्रीय आय में 22 फीसदी हिस्सा था. वहीं 10 फीसदी धनी लोगों की आमदनी की भागीदारी राष्ट्रीय आय में 56 फीसदी दर्ज की गई थी।
वहीं वर्ल्ड इनेक्वलिटी लैब की रिपोर्ट में इस श्रेणी में तीन अन्य देश भी शामिल हैं, जिनमें अमेरिका, चीन और रूस हैं। इसके अलावा यूरोप को सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले क्षेत्र माना गया है। यह सबसे ज्यादा कमाने वाला समूह देशों की कुल आय में 37 फीसद हिस्सा रखता है।