उत्तर प्रदेश में 693 पूल टेस्ट के माध्यम से 3668 सैंपल जांच किए गए, इसमें 48 पॉजिटिव आए, जानें पूल टेस्ट के बारे में सबकुछ
By अनुराग आनंद | Published: May 19, 2020 04:17 PM2020-05-19T16:17:55+5:302020-05-19T16:23:03+5:30
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि जो प्रवासी प्रदेश में आ रहे हैं उनमें संक्रमण काफी देखने को मिल रहा है।
लखनऊ: देश भर में कोरोना संक्रमण का तेजी से फैलाव हो रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में शहरों से उत्तर प्रदेश के गांव में प्रवासी मजदूरों के लौटने से राज्य में कोरोना संक्रमण के फैलने की संभावना काफी अधिक हो गई है। यही वजह है कि अब एक सैंपल को एक बार जांच करने के बजाय पुल टेस्ट के माध्यम से सैंपल जांच किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि कल 693 पूल टेस्ट किए गए जिसमें 3668 सैंपल पूल के माध्यम से टेस्ट किए गए, इसमें से 48 पूल पॉजिटिव आए।
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि जो प्रवासी प्रदेश में आ रहे हैं उनमें संक्रमण काफी देखने को मिल रहा है, इसलिए ग्राम निगरानी समिति और मोहल्ला निगरानी समिति पर यह बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है कि उनका होम क्वारंटाइन सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक लगभग 656 ट्रेन आ चुकी हैं इनमें लगभग 8 लाख 52 हजार प्रवासी कामगार और श्रमिक आ चुके हैं, आज (मंगलवार) लगभग 90 कुल ट्रेन आएंगी।
कल 693 पूल टेस्ट किए गए जिसमें 3668 सैंपल पूल के माध्यम से टेस्ट किए गए, इसमें से 48 पूल पॉजिटिव आए :उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद pic.twitter.com/kaw00Dax09
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 19, 2020
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) की मानें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज निर्देश दिया है कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद में संक्रामक रोग की जांच के लिए एक प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोरोना वायरस से सक्रिय मामलों की संख्या 1847 है, अब तक 2783 लोग पूरी तरह ठीक होने के बाद डिस्चार्ज हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 237 मामले सामने आए हैं, अब तक प्रदेश में वायरस से कुल 118 मौतें हुई हैं।
पूल टेस्टिंग क्या है?
बता दें कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए रफ्तार को देखते हुए केंद्र सरकार की संस्था इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने पूल टेस्टिंग के लिए अनुमति दी है। पूल टेस्टिंग यानी एक से ज़्यादा सैंपल को एकसाथ लेकर टेस्ट करना और कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाना होता है। जहां संक्रमण के ज़्यादा मामले हैं वहां पर पहले तीन या पांच लोगों के सैंपल को एक साथ जांच कर देखा जाता है कि सैंपल में कोरोना संक्रमण के वायरस मौजूद हैं या नहीं हैं।
यदि पूल टेस्ट के रिजल्ट पॉजिटिव आते हैं तो सभी व्यक्ति का अलग-अलग टेस्ट किया जाता है। यदि पूल टेस्ट का रिजल्ट नेगेटिव है तो इस अर्थ है कि किसी को कोरोना संक्रमण नहीं है।
आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के मुताबिक़ अधिकतम पांच लोगों की एकसाथ पूल टेस्टिंग की जा सकती है। कुछ लैब तीन सैंपल लेकर भी टेस्टिंग कर रही हैं।
पूल टेस्टिंग के लिए पहले लोगों के गले या नाक से स्वैब का सैंपल लिया जाता है. फिर उसकी टेस्टिंग के ज़रिए कोविड19 की मौजूदगी का पता लगाया जाता है.