लाइव न्यूज़ :

Coronavirus: लॉकडाउन को लेकर बोले पर्यावरण विशेषज्ञ, कहा- प्रदूषण में आई गिरावट स्थायी नहीं है

By भाषा | Updated: April 9, 2020 20:52 IST

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना संकट (Coronavirus) से हुए लॉकडाउन के कारण इन दिनों प्रदूषण में कमी जरुर आई है, लेकिन इसे स्थायी मानना भूल होगी।

Open in App
ठळक मुद्देदूषित हो चुकी नदियों का पानी और धुंध भरे वातारण में आसमान का रंग, लॉकडाउन के दौरान बदल कर कुछ समय के लिये ही नीला दिख रहा है।जानकारों की राय में कार्बन उत्सर्जन में कमी के कारण वातावरण में दिख रहा बदलाव, पर्यावरण के लिहाज से लंबे समय तक नहीं टिकेगा।

नई दिल्ली: कोरोना संकट (Coronavirus) से निपटने के लिये लागू किये गये 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान उद्योग, वाहन एवं अन्य कारणों से होने वाले प्रदूषण में इन दिनों आयी गिरावट को स्थायी मानना भूल होगी। पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक दूषित हो चुकी नदियों का पानी और धुंध भरे वातारण में आसमान का रंग, लॉकडाउन के दौरान बदल कर कुछ समय के लिये ही नीला दिख रहा है। जानकारों की राय में कार्बन उत्सर्जन में कमी के कारण वातावरण में दिख रहा बदलाव, पर्यावरण के लिहाज से लंबे समय तक नहीं टिकेगा। 

उल्लेखनीय है कि हाल ही में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 22 मार्च को लागू किये गए जनता कर्फ्यू के प्रभाव को दर्शाने वाली अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सड़कों पर वाहन नहीं निकलने के कारण 21 मार्च की तुलना में वातावरण में नाइट्रोजन ऑक्साइड के स्तर में 51 प्रतिशत और कार्बन डाई ऑक्साइड में 32 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। इसके बाद कोरोना का संक्रमण फैलने से रोकने के लिये लागू किये गये लॉकडाउन के दौरान दो सप्ताह के भीतर न सिर्फ हवा की गुणवत्ता में खासा सुधार हुआ बल्कि कारखाने बंद होने कारण दिल्ली में यमुना सहित देश के अन्य इलाकों में दूषित हो चुकी तमाम नदियों का पानी भी साफ नजर आने लगा है। 

हालांकि, पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि लॉकडाउन के दौरान कार्बन उत्सर्जन में भले ही काफी गिरावट आई हो लेकिन कोरोना संकट के दौर से उबरने के बाद जैसे ही जनजीवन सामान्य होगा, वैसे ही पर्यावरण के लिये कोरोना संकट से पहले की स्थिति वापस लौट आयेगी। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत संस्था, ग्रीनपीस के विशेषज्ञ अविनाश चंचल ने कहा कि पर्यावरण की मौजूदा स्थिति लंबे समय के लिये लाभकारी साबित नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि कोरोना के संकट से जूझ रही समूची दुनिया में अपने घर से ही काम करने वालों की संख्या बहुत अधिक नहीं है। इसलिये यह नहीं कहा जा सकता है कि उत्सर्जन में कमी का वर्तमान स्तर आगे भी जारी रह सकेगा। वैकल्पिक ईंधन वाले वाहनों के संगठन 'इंडिया ऑटो एलपीजी कॉयलीशन' के महानिदेशक सुयश गुप्ता ने भी इस विचार से सहमति व्यक्त करते हुये कहा कि अधिकांश शहरों में लंबे समय बाद साफ हवा में सांस लेना मुमकिन हो पाया है। लेकिन लॉकडाउन के कारण आये इस बदलाव के स्थायी होने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। 

आईआईटी, भुवनेश्वर के सहायक प्रोफेसर वी विनोज ने कहा कि लंबे समय के लॉकडाउन के कारण कार्बन उत्सर्जन में कमी जरूर आयी है, लेकिन सामान्य दिनों की तरह ही व्यवस्थायें बहाल होने पर पर्यावरण का दौर वापस लौटने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर कार्बन उत्सर्जन में गिरावट आयी है, इसकी मुख्य वजह पिछले कुछ समय में परिवहन के साधनों का थमना है। पर्यावरण संस्था क्लाइमेट ट्रेंड्स की विशेषज्ञ आरती खोसला का मानना है कि इस बदलाव को एक अवसर के रूप में इस्तेमाल कर भविष्य में संसाधनों के मामलों में अन्य देशों पर निर्भरता को कम करने की जरूरत होगी।

टॅग्स :कोरोना वायरस
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

भारत'बादल बम' के बाद अब 'वाटर बम': लेह में बादल फटने से लेकर कोविड वायरस तक चीन पर शंका, अब ब्रह्मपुत्र पर बांध क्या नया हथियार?

स्वास्थ्यसीएम सिद्धरमैया बोले-हृदयाघात से मौतें कोविड टीकाकरण, कर्नाटक विशेषज्ञ पैनल ने कहा-कोई संबंध नहीं, बकवास बात

स्वास्थ्यमहाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 12 मामले, 24 घंटों में वायरस से संक्रमित 1 व्यक्ति की मौत

स्वास्थ्यअफवाह मत फैलाओ, हार्ट अटैक और कोविड टीके में कोई संबंध नहीं?, एम्स-दिल्ली अध्ययन में दावा, जानें डॉक्टरों की राय

भारत अधिक खबरें

भारतDelhi: 18 दिसंबर से दिल्ली में इन गाड़ियों को नहीं मिलेगा पेट्रोल और डीजल, जानिए वजह

भारतYear Ender 2025: चक्रवात, भूकंप से लेकर भूस्खलन तक..., विश्व भर में आपदाओं ने इस साल मचाया कहर

भारतAadhaar card update: आधार कार्ड से ऑनलाइन फ्रॉड से खुद को रखना है सेफ, तो अभी करें ये काम

भारतदिल्ली में 17 दिसंबर को ‘लोकमत पार्लियामेंटरी अवॉर्ड’ का भव्य समारोह

भारतछत्तीसगढ़ को शांति, विश्वास और उज्ज्वल भविष्य का प्रदेश बनाना राज्य सरकार का अटल संकल्प: 34 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण पर बोले सीएम साय