अगले 75 साल में अधिकार और दायित्व के बीच संतुलन साधने का प्रयास किया जाना चाहिए: ईरानी
By भाषा | Published: November 14, 2021 05:49 PM2021-11-14T17:49:16+5:302021-11-14T17:49:16+5:30
नयी दिल्ली, 14 नवंबर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने रविवार को कहा कि स्वतंत्र भारत के अगले 75 वर्षों का उपयोग केवल अधिकार के लिए नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति नागरिकों के दायित्व के लिए भी समान रूप से करने की जरूरत है।
ईरानी ने, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) द्वारा आयोजित छह दिवसीय कार्यक्रम ‘अखिल भारतीय विधिक जागरूकता और संपर्क अभियान’ के समापन समारोह में मानद अतिथि के तौर पर भाषण दिया।
मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही अधिकारों पर ध्यान दिया गया और उन्हें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में अधिकारों और दायित्व पर संतुलन रखने का प्रयास किया जाएगा।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर तथा महान्यायवादी के के वेणुगोपाल भी इस आयोजन में उपस्थित थे।
ईरानी ने दो अक्टूबर को शुरू हुए नालसा के अभियान की सराहना की और कहा कि देश में मुफ्त विधिक सहायता परमार्थ कार्य नहीं, बल्कि अधिकार है।
मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की सच्ची परीक्षा यह सुनिश्चित करने में है कि उसके सभी बच्चों को न्याय मिले। उन्होंने कहा कि भविष्य ऐसा होना चाहिए जहां महिलाओं और बच्चों को न्याय मिले।
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