नए संसद भवन में दिखेगी विभिन्न धर्मों के पावन चिन्हों की झलक, अंदर की शोभा बढाएंगे राष्ट्रीय प्रतीक

By भाषा | Updated: December 10, 2020 18:49 IST2020-12-10T18:49:17+5:302020-12-10T18:49:17+5:30

In the new Parliament House, a glimpse of the sacred symbols of different religions will be seen, the national emblem will enhance the beauty inside | नए संसद भवन में दिखेगी विभिन्न धर्मों के पावन चिन्हों की झलक, अंदर की शोभा बढाएंगे राष्ट्रीय प्रतीक

नए संसद भवन में दिखेगी विभिन्न धर्मों के पावन चिन्हों की झलक, अंदर की शोभा बढाएंगे राष्ट्रीय प्रतीक

(जतिन टक्कर)

नयी दिल्ली, 10 दिसंबर संसद का नया भवन त्रिभुजाकार होगा जो कई धर्मों के पावन चिन्हों की एक झलक पेश करेगा और देश के तीन राष्ट्रीय प्रतीकों कमल, मोर और बरगद पर आधारित थीम इसके भीतरी हिस्से की शोभा बढाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को नये संसद भवन की आधारशिला रखी। 917 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाले इस भवन का निर्माण कार्य देश की आजादी के 75 साल पूरे होने तक हो जाने की संभावना है।

इस नए संसद भवन का निर्माण वर्तमान संसद भवन के बिल्कुल सामने हो रहा है। यह निर्माण कार्य ‘टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड’ द्वारा किया जा रहा है। करीब 100 साल पहले 83 लाख रुपये की लागत से बने मौजूदा संसद भवन को संग्रहालय में तब्दील कर दिया जाएगा।

नये संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा कक्षों का आकार पहले के मुकाबले काफी बड़ा होगा। नए भवन में संसदीय कार्यवाही के दौरान 888 लोकसभा सदस्यों और 384 राज्यसभा सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी। लोकसभा कक्ष में 1272 लोगों के बैठने की अतिरिक्त क्षमता होगी ताकि यहां पर दोनों सदनों की संयुक्त बैठक हो सके।

नये भवन के वास्तुकार विमल पटेल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘नए संसद भवन को त्रिभुजाकार में डिजाइन किया गया है क्योंकि यह इसी आकार वाले भूखंड पर बन रहा है। इसमें तीन प्रमुख कक्ष- लोकसभा, राज्यसभा और सेंट्रल लॉन्ज होंगे। साथ ही, देश के कई धर्मों और संस्कृतियों से जुड़े पावन चिन्ह त्रिभुजाकार भवन की शोभा बढ़ाएंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा कक्ष के लिए थीम राष्ट्रीय पक्षी मोर तथा राज्यसभा कक्ष के लिए थीम राष्ट्रीय पुष्प कमल और सेंट्रल लॉन्ज के लिए थीम राष्ट्रीय पेड़ बरगद है।’’

राष्ट्रीय चिन्ह इस नये संसद भवन का शिखर होगा।

पटेल के अनुसार, नयी इमारत की पूरी संरचना वर्तमान संसद के अनुरूप होगी ताकि दोनों भवन के एक दूसरे के पूरक लगें।

नए संसद भवन की छत की चित्रकारी राष्ट्रपति भवन की चित्रकारी की तरह होगी और कारपेट का डिजाइन भी पारंपरिक होगा।

वर्तमान संसद भवन की कई खूबियां इस नए भवन में भी देखने को मिलेंगी। मसलन, इसके अंदर की दीवारों में भी श्लोक अंकित होंगे।

नये भवन के निर्माण में व्यापक रूप से धौलपुर के पत्थरों का इस्तेमाल होगा और अंदर के कुछ हिस्सों में लाल ग्रेनाइट का भी इस्तेमाल हो सकता है।

पटेल ने कहा कि यह भवन अत्याधुनिक सुविधाओं वाला होगा, लेकिन इसमें संस्कृति और परंपराओं की झलक होगी।

संसद का यह नया भवन सभी आधुनिक ऑडियो-विजुअल संचार सुविधाओं और डाटा नेटवर्क प्रणाली से युक्त होगा। इस निर्माण कार्य में पर्यावरण सुरक्षा से जुड़े सभी मानकों का पालन किया जा रहा है।

नये संसद भवन में विभिन्न समितियों के लिए कक्ष होने के साथ ही संसदीय कार्य मंत्रालय, लोकसभा सचिवालय, राज्यसभा सचिवालय और समुचित भोजन सुविधाएं होंगी।

अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय संविधान कक्ष और गैलरी में भारतीय संविधान और देश की धरोहर की झलक दिखेगी।

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