पंजाब बजटः सरकारी कर्मियों को झटका, 60 से घटाकर 58 कर दी रिटायरमेंट की उम्र, पेश किया 1.54 करोड़ रुपये का बजट
By भाषा | Published: February 28, 2020 04:00 PM2020-02-28T16:00:55+5:302020-02-28T16:00:55+5:30
बजट में शिक्षा के लिये 13,092 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के लिये 4,675 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। बादल ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिये इस साल मार्च से छह प्रतिशत मंहगाई भत्ता देने की भी घोषणा की।
पंजाब सरकार ने राज्य विधानसभा में शुक्रवार को 2020-21 के लिये 1.54 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने बजट पेश करते हुए कृषि मजदूरों का ऋण माफ करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि इसके लिये 520 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। बजट में शिक्षा के लिये 13,092 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के लिये 4,675 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। बादल ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिये इस साल मार्च से छह प्रतिशत मंहगाई भत्ता देने की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार छठे वेतन आयोग के सुझावों को 2020-21 में लागू करेगी। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों की खरीद-बिक्री पर लिये जाने वाले मंडी शुल्क की दर फलों एवं सब्जियों के लिये चार प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया जाएगा। मंत्री ने भूमि उपयोग में बदलाव पर लगने वाले शुल्क को दो साल के लिये समाप्त करने की भी घोषणा की। बादल ने कहा कि 2020-21 में राज्य की राजस्व प्राप्तियां 88,004 करोड़ रुपये और व्यय 95,716 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि 2020-21 में राजस्व घाटा 7,712 करोड़ रुपये और राजकोषीय घाटा 18,828 करोड़ रुपये रह सकता है। बादल ने कहा, ‘‘सामने उपस्थित कठिन चुनौतियों के बाद भी हमने 2017-18 और 2018-19 में राजकोषीय घाटा क्रमश: 2.61 प्रतिशत और 3.08 प्रतिशत पर लाने में सफलता प्राप्त की, जबकि इनके लिये बजट लक्ष्य क्रमश: 4.96 प्रतिशत और 3.81 प्रतिशत था।’’
उन्होंने राज्य का कर्ज 2019-20 के संशोधित अनुमान 2,28,906 करोड़ रुपये से बढ़कर 2020-21 में 2,48,236 करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान व्यक्त किया। राज्य सरकार ने बजट में गुरुदासपुर और बालाचौर में दो कृषि महाविद्यालय स्थापित करने का भी प्रस्ताव किया।
अकाली विधायकों ने पंजाब के वित्त मंत्री के आवास का किया घेराव, विधानसभा की कार्यवाही कुछ देर स्थगित
पंजाब विधानसभा शुक्रवार को उस समय कुछ देर से लिए स्थगित कर दी गई जब संसदीय कार्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने सदन को सूचित किया कि शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के आवास का कथित घेराव कर लिया है। प्रश्नकाल के दौरान मोहिंद्रा ने कहा कि बादल समय पर नहीं पहुंच सके क्योंकि शिअद विधायकों ने उनके आवास का घेराव कर रखा है।
उन्होंने आशंका जताई कि यदि ऐसी ही स्थिति रही तो बजट पेश नहीं किया जा सकेगा। मोहिंद्रा ने शिअद विधायकों के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक असंवैधानिक स्थिति है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह बजट पंजाब के लिए और राज्य के लोगों के लिए है।’’ इस पर, विधानसभा अध्यक्ष राणा के पी सिंह ने कहा कि वह केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक के पास यह मामला लेकर जाएंगे। अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के बाद कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
अकाली दल के सदस्य किसानों की आत्महत्या के मामले को लेकर बादल के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। बादल को शुक्रवार को विधानसभा में 2020-21 का बजट पेश करना है। कार्यवाही स्थगित किए जाने के बाद बादल विधानसभा पहुंच गए। सदन की कार्यवाही पुन: आरंभ होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री ने शिअद विधायकों के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया।
मोहिंद्रा ने कहा कि अकाली विधायकों ने बादल को बजट पेश करने से रोकने की कोशिश की और वह पूर्वाह्न 11 बजे तक सदन नहीं पहुंच सके। उन्होंने कहा कि शिअद के नेताओं के इस कदम के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया और विशेषाधिकार समिति को भेजा गया।