बिहार: नीतीश कुमार सरकार ने सुधा दूध बेचने वाले COMFED को सौंपा नीरा ताड़ी बेचने का काम, पीने से नहीं होगा नशा

By एस पी सिन्हा | Published: May 8, 2022 06:26 PM2022-05-08T18:26:35+5:302022-05-09T12:36:09+5:30

बिहार सरकार अब ताड़ के पेड से निकलने वाले रस (ताड़ी) को नीरा बनाने की दिशा में तेजी काम कर रही है। कॉम्फेड के द्वारा नीरा लॉंच किये जाने के बाद अब बिहार आने वाले दुनिया भर के पर्यटक शीतलपेय के तौर पर नीरा का आनंद उठाएंगे।

In Bihar, the taste of toddy will be on everyone's tongue, there will be no intoxication, Comfed has introduced the name 'Neera' in the market | बिहार: नीतीश कुमार सरकार ने सुधा दूध बेचने वाले COMFED को सौंपा नीरा ताड़ी बेचने का काम, पीने से नहीं होगा नशा

बिहार सरकार ने COMFED को सौंपा नीरा ताड़ी बेचने का काम

Highlightsबिहार और यूपी में लोग ताड़ के पेड से निकलने वाले रस (ताड़ी) का प्रयोग लोग नशे के लिए करते हैंबिहार सरकार अब उसी ताड़ी के रस को बिना फॉरमेंटशन के जनता को उपलब्ध कराने जा रही हैबिहार सरकार का मानना है कि ताड़ी की पैकेजिंग होने से पर्यटक इस शीतलपेय का आनंद उठाएंगे

पटना: बिहार में ताड़ के पेड से निकलने वाले रस (ताड़ी) को लोग नशे के रूप में प्रयोग करते हैं। खासकर मई और जून की भयानक गर्मी में ताड़ी के रस का प्रयोग बहुत ज्यादा किया जाता है।

ताड़ का रस हवा-धूप के संपर्क में आता है तो उसमें फॉरमेंटशन होता और इस तरह से वो ताड़ी में तब्दील हो जाता है। लेकिन बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद नशे के लिए उपयोग में लाये जाने वाले ताड़ी को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।

बिहार सरकार अब ताड़ी से नीरा बनाने की दिशा में तेजी काम कर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशानुसार बिहार स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (कॉम्फेड) ने ताड़ के पेड़ से निकाले जाने वाले इस प्राकृतिक पेय (रस) को बॉटलिंग (बंद बोतल) में लांच कर दिया है। कॉम्फेड बिहार में सुधा दूग्ध उत्पाद की निर्माता एवं वितरक है।

कॉम्फेड के द्वारा नीरा लॉन्च किये जाने के बाद अब बिहार आने वाले दुनिया भर के पर्यटक शीतलपेय के तौर पर नीरा का आनंद उठाएंगे। सूबे के नालंदा व हाजीपुर के प्रमुख पर्यटक स्थलों के साथ- साथ पटना खादी मॉल में इसकी बिक्री की तैयारी है।

दरअसल राज्य में अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू है। इसके बाद से ही ताड़ के पेड़ों से नीरा उत्पादन सरकार की ओर से किया गया। साल 2017-18 में कई जिलों में इसकी बिक्री की गई। उत्पादन के लिए राज्य में तीन स्थानों पर नीरा चिलिंग प्लांट भी लगाए गए थे पर योजना को बहुत सफलता नहीं मिली। ऐसे में अब नीतीश सरकार एक बार फिर इस योजना को तेज करने और बेहतर तरीके से लागू करने में जुटी है।

बिहार सरकार का मानना है कि इससे रोजगार के अवसर भी बढेंगे। ऐसे में सरकार की यह कोशिश है कि जीविकोपार्जन को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार नीरा के उत्पादन और बिक्री पर जोर दे रही है।

कॉम्फेड ने बिहारशरीफ और हाजीपुर के प्लांट में 200 एमएल की बोतल में उत्पादन शुरू कर दिया है। हाजीपुर के प्लांट से 500 लीटर और बिहारशरीफ के प्लांट से 500 लीटर नीरा का उत्पादन होगा। मार्केटिंग के लिए पुराने टिस्ट्रीब्यूटर को जोड़ा गया है।

इसके लिए गुमटी, चौराहे आदि जगहों पर भी छोटे-छोटे रिटेल प्वाइंट भी बनाये जा रहे हैं। नीरा के लिए कॉम्फेड को जीविका द्वारा कच्चा माल उपलब्ध कराया जा रहा है। बोतलबंद नीरा का बाजार बन जाने के बाद कॉम्फेड नीरा को पाउडर (भूरा) के रूप में भी बाजार में उतारेगा। 50 ग्राम, 100 ग्राम और 200 ग्राम के पाउडर पैकेट (सेशे) का मूल्य क्या होगा, इस पर अभी मंथन किया जा रहा है।

ओआरएस घोल को जिस तरह पानी में मिला कर पिया जाता है, उसकी तरह नीरा के भूरा को मिला कर उसका उपयोग कर सकेंगे। जानकारों के अनुसार ताड़ का रस हवा-धूप के संपर्क में आता है तो फॉरमेंटशन (फेन) होकर ताडी में तब्दील हो जाता है लेकिन जीविका समिति सूर्य की किरण पड़ने से पहले ही उसे चिलर में स्टोर करेगी।

कॉम्फेड क्वालिटी की जांच के बाद 30 रुपये प्रति किलो लेगी। प्लांट पर भी इसकी जांच की जायेगी। अंतिम जांच पाश्चराइजेशन के समय होगी। नीरा इस तरह की प्रक्रिया से तैयार किया गया है कि डीफ्रिज में रखने पर तीन दिन तक क्वालिट बनी रहेगी।

इस संबंध में पूछे जाने पर कॉम्फेड की प्रबंध निदेशक शिखा श्रीवास्तव ने बताया कि पौष्टिकता से भरपूर, रखे गर्मी से दूर, ताड़ के रस का शीतल पेय’ के नारे के साथ बाजार में उतारा गया है।

नीरा का उत्पादन कराने में काम्फेड ने डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वैज्ञानिकों की मदद ली है। प्रोसेसिंग से लेकर बिक्री तक की चेन को इस तरह डिजाइन की गई है कि नीरा पौष्टिक पेय बना रहे।

Web Title: In Bihar, the taste of toddy will be on everyone's tongue, there will be no intoxication, Comfed has introduced the name 'Neera' in the market

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