IMA ने कहा- कोरोनिल दवा नहीं है, WHO से नहीं मिली मंजूरी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 5, 2021 12:06 PM2021-06-05T12:06:05+5:302021-06-05T12:08:50+5:30
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने उत्तराखंड राज्य सरकार को पत्र लिखा है
कोविड-19 किट में पतंजलि के कोरोनिल टैबलेट को शामिल करने के प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने उत्तराखंड राज्य सरकार को पत्र लिखा है।
डॉक्टरों के अखिल भारतीय संघ ने पत्र में कहा कि बाबा रामदेव के पतंजलि द्वारा विकसित कोरोनिल को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मंजूरी नहीं मिली है और न ही टैबलेट को केंद्रीय कोविड दिशानिर्देशों में शामिल किया गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि IMA ने राज्य कोविड -19 किट में कोरोनिल टैबलेट शामिल करने के प्रस्ताव का विरोध किया है।
Indian Medical Association Uttarakhand retaliates against the proposal of Patanjali to include Coronil tablet in COVID-19 kit in the State saying Coronil is not approved by WHO, nor is it included in central guidelines; it's not a drug or medicine as claimed by Baba Ramdev pic.twitter.com/5GfG75MhQQ
— ANI (@ANI) June 5, 2021
IMA के राज्य सचिव डॉ अजय खन्ना द्वारा लिखे गए पत्र में यह भी कहा गया है कि कोरोनिल टैबलेट न तो दवा है और न ही दवा जैसा कुछ है जिसे बाबा रामदेव और पतंजलि समूह ने दावा किया है। इसे केवल केंद्र सरकार द्वारा खाद्य पूरक के रूप में स्वीकृत किया गया है।
उत्तराखंड राज्य सरकार के मुख्य सचिव को कड़े शब्दों में लिखे गए पत्र में आगे कहा गया है कि एलोपैथिक दवाओं और दवा के साथ एक आयुर्वेद पूरक का मिश्रण 'मिक्सोपैथी' है जिसकी अनुमति नहीं है और देश में सर्वोच्च न्यायालय और कई उच्च न्यायालयों द्वारा इसे अस्वीकार कर दिया गया है।
आईएमए ने यह भी कहा कि उच्च न्यायपालिका द्वारा लगातार फैसलों के अलावा, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की धारा 34 भी मिक्सोपैथी को प्रतिबंधित करती है। उनके मुताबिक पतंजलि पूरक को शामिल करना धारा 34 का उल्लंघन होगा। आईएमए पत्र ने दोहराया कि कोरोनिल कोई दवा नहीं है जिसका बाबा रामदेव ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर विभिन्न विज्ञापनों में दावा किया था।