IIT Bombay: सहपाठी छात्रों से जन्म, प्रवेश, धर्म और जाति पर बात मत करो, आईआईटी बॉम्बे के नए दिशा-निर्देश, पढ़े

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 31, 2023 04:06 PM2023-07-31T16:06:01+5:302023-07-31T16:07:46+5:30

IIT Bombay anti-discrimination guidelines: बीटेक (केमिकल) प्रथम वर्ष के छात्र दर्शन सोलंकी की मौत के बाद संस्थान पर लगे जातिगत भेदभाव के आरोपों के चलते यह दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

IIT Bombay anti-discrimination guidelines Inappropriate to ask other students about their JEE Advanced or GATE score Do not talk birth, admission, religion caste read | IIT Bombay: सहपाठी छात्रों से जन्म, प्रवेश, धर्म और जाति पर बात मत करो, आईआईटी बॉम्बे के नए दिशा-निर्देश, पढ़े

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Highlightsसंस्थान के पवई परिसर में विभिन्न स्थानों पर इन्हें चस्पां किया गया है।समानताओं के जरिए जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।जाति के बारे में पता चला तो उनका उसके प्रति व्यवहार बदल गया था।

IITBombay anti-discrimination guidelines: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (आईआईटी बी) ने छात्रों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिनमें उनसे उनके सहपाठी छात्रों के साथ उनकी जाति और क्षेत्र के बजाय खेल, संगीत और फिल्मों आदि की समानता के आधार पर जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

बीटेक (केमिकल) प्रथम वर्ष के छात्र दर्शन सोलंकी की मौत के बाद संस्थान पर लगे जातिगत भेदभाव के आरोपों के चलते यह दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। छात्रों के बीच इन दिशा-निर्देशों को प्रसारित करने के अलावा संस्थान के पवई परिसर में विभिन्न स्थानों पर इन्हें चस्पां किया गया है।

संस्थान द्वारा 29 जुलाई को सार्वजनिक किए गए दिशा-निर्देश के अनुसार, साथी छात्रों से उनके जन्म, प्रवेश और धर्म व जाति के बारे में पूछने को अनुचित ठहराया गया है क्योंकि इससे छात्र असहज महसूस कर सकते हैं। यह भी कहा गया है कि किसी छात्र से उसके जेईई एडवांस्ड रैंक या गेट के अंकों के बारे में पूछना या फिर ऐसी बात पूछना भी अनुचित है जिससे उसकी जाति या अन्य संबंधित पहलुओं का खुलासा होता हो। दिशा-निर्देश में छात्रों को विभाग, खेल, संगीत, फिल्में, स्कूल, कॉलेज और उनके शौक या रुचि जैसी समानताओं के जरिए जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

छात्रों को ऐसे संदेश साझा करने से भी मना किया गया है, जिसमें अपमानजनक, जातिवादी, लिंगवादी, यौन संबंधी या धर्म संबंधी टिप्पणी हो। ऐसे संदेशों को उत्पीड़न या धमकाना समझा जा सकता है। संस्थान ने इन दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर ‘कड़ी सजा’ की बात भी कही है।

संस्थान ने कहा है कि हर साल स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए आयोजित ओरिएंटेशन सत्र में किसी भी तरह के भेदभाव को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति पर जोर दिया जाता है। संस्थान ने कहा, ‘‘प्रत्येक छात्रावास और विभागों में विभिन्न प्रकोष्ठ की ओर से पोस्टर लगाए गए हैं।

इस वर्ष विभिन्न प्रकोष्ठ की ओर से पोस्टर/ओरिएंटेशन की सामग्री को एक पोस्टर में संकलित किया गया है। इसे नए और मौजूदा दोनों छात्रों के बीच प्रसारित किया जा रहा है।’’ अहमदाबाद के रहने वाले दर्शन सोलंकी ने 12 फरवरी को आईआईटी बॉम्बे परिसर में एक छात्रावास की इमारत की सातवीं मंजिल से कूदकर कथित तौर पर जान दे दी थी

। इस मामले में मुंबई पुलिस की ओर से दायर आरोपपत्र के अनुसार, सोलंकी ने अपनी मां को बताया था कि संस्थान में जाति-आधारित भेदभाव होता है। आरोप पत्र में दावा किया गया है कि उसने फोन पर मां को यह भी बताया कि जब साथी छात्रों को उसकी जाति के बारे में पता चला तो उनका उसके प्रति व्यवहार बदल गया था।

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