Partha Chatterjee's Arrest: पार्थ चटर्जी मामले में बोलीं सीएम ममता, कहा- अगर कोई दोषी है तो उसे दंडित किया जाए
By रुस्तम राणा | Published: July 25, 2022 07:24 PM2022-07-25T19:24:28+5:302022-07-25T19:29:04+5:30
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मुझे कोई आपत्ति नहीं है अगर कोई दोषी पाया जाता है और आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाती है। मेरा नाम मत खींचो। मैं सरकार से वेतन भी नहीं लेती।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी को लेकर चुप्पी तोड़ दी है। सोमवार को बंगाल सीएम ने इस मामले में कहा कि वह किसी भी भ्रष्टाचार या गलत काम का समर्थन नहीं करती हैं और अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उस व्यक्ति को दंडित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही टीएमसी चीफ ने कहा कि मुझे कोई आपत्ति नहीं है अगर कोई दोषी पाया जाता है और आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाती है। मेरा नाम मत खींचो। मैं सरकार से वेतन भी नहीं लेती।
इससे सोमवार को पार्थ चटर्जी से जुड़ी ये खबर आई थी की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने ममता बनर्जी को तीन बार कॉल किया था। लेकिन ममता बनर्जी की तरफ से कोई भी जवाब नहीं आया था। दरअसल, पार्थ चटर्जी के "अरेस्ट मेमो" में कहा गया है कि अपने हिरासत की सूचना देने के लिए 70 वर्षीय मंत्री ने अपने "रिश्तेदार या दोस्त को फोन करने की बजाय सीएम ममता बनर्जी को चुना था।
वहीं ईडी ने सोमवार को अदालत के समक्ष पार्थ चटर्जी की एम्स भुवनेश्वर मेडिकल रिपोर्ट पेश की, जिससे पता चलता है कि वह फिट और स्थिर है। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि पार्थ चटर्जी की मेडिकल रिपोर्ट में कुछ भी गलत नहीं है। वह सरकारी अस्पताल में रहने के लिए अपने पद का फायदा उठा रहे थे। वह फिट हैं और उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है।
विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान ईडी ने पश्चिम बंगाल के मंत्री और राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की 14 दिनों की हिरासत की मांग की। ईडी ने अदालत के समक्ष पार्थ चटर्जी की एम्स भुवनेश्वर मेडिकल रिपोर्ट पेश की जिससे पता चलता है कि वो स्वस्थ और स्थिर है। मेडिकल रिपोर्ट में कुछ भी गलत नहीं है। वो सरकारी अस्पताल में रहने के लिए अपने पद का फायदा उठा रहे हैं। वो स्वस्थ हैं और उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री को शनिवार को शिक्षा विभाग में नौकरी घोटाले से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन पर सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा स्कूली शिक्षकों और शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति में कथित गड़बड़ी में भूमिका का आरोप लगाया गया है।