चीन के साथ गलवान घाटी में झड़प के बाद भारतीय वायुसेना ने 68 हजार से अधिक सैनिकों को पूर्वी लद्दाख भेजा था, सूत्र ने किया दावा

By आजाद खान | Published: August 14, 2023 08:26 AM2023-08-14T08:26:01+5:302023-08-14T08:47:31+5:30

बता दें कि गलवान घाटी के झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट आई है। ऐसे में आज भी इन दोनों देशों के बीच एक और बीतचीत होने जा रही है।

IAF sends over 68000 troops to eastern Ladakh after india china Galwan Valley clash | चीन के साथ गलवान घाटी में झड़प के बाद भारतीय वायुसेना ने 68 हजार से अधिक सैनिकों को पूर्वी लद्दाख भेजा था, सूत्र ने किया दावा

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो

Highlightsगलवान घाटी में हुई हिंसक झड़पों के बाद भारतीय वायुसेना ने बड़ी जिम्मेदारी निभाई थी।वायुसेना ने 68 हजार से भी अधिक सैनिकों को उस समय पूर्वी लद्दाख में पहुंचाया था।यही नहीं कुछ टैंक, लड़ाकू वाहन और रडार भी वहां पहुंचाया था।

नई दिल्ली: गलवान घाटी को लेकर रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के शीर्ष सूत्रों ने एक अहम जानकारी दी है। सूत्रों ने कहा है कि जब गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों की झड़प हुई थी और उसके बाद जो हालात बने थे, उस दौरान भारतीय वायुसेना द्वारा 68 हजार से भी अधिक सैनिकों को देश भर से पूर्वी लद्दाख में पहुंचाया गया था। बता दें कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तेजी से तैनाती हो सके। 

सूत्र ने यह भी कहा कि विमानों को तैयार स्थिति में रखकर सीमा पर निगरानी और जानकारी इकट्ठा की गई थी। यही नहीं तनाव बढ़ने पर भारत द्वारा चीन पर नजर रखने के लिए रिमोट संचालित विमान (आरपीए) विमान भी तैनात किए गए थे। बता दें कि भारत और चीन के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता की अगली वार्ता सोमवार यानी आज होनी है। 

क्या है सूत्र का दावा

गलवान घाटी को लेकर सूत्र ने कई और दावे भी किए है। सूत्र के अनुसार, उस समय न केवल भारतीय सेना के डिवीजनों को एयरलिफ्ट किया गया बल्कि युद्ध क्षमता को मजबूती दी गई थी। उन्होंने कहा कि वायुसेना के विमानों ने भारतीय सेना के कई डिवीजन को ‘एयरलिफ्ट’ किया था जिसमें कुल 68 हजार से अधिक सैनिक, 90 से अधिक टैंक, पैदल सेना के करीब 330 बीएमपी लड़ाकू वाहन, रडार प्रणाली, तोपें और कई अन्य साजो-सामान भी शामिल थे। 

यही नहीं गतिरोध से बचाव के लिए सीमा पर रडार स्थापित किए गए और अग्रिम ठिकानों पर हथियार तैनात किए गए थे। सूत्र ने यह भी बताया कि वायुसेना ने सैनिकों और हथियारों को गलवान घाटी में जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए सी-17 ग्लोबमास्टर और सी-130जे सुपर हरक्यूलिस सहित विभिन्न विमानों का भी यूज किया है। 

झड़प के बाद सरकार ने कई विकास के काम किए है

सूत्रों ने यह भी कहा है कि इस झड़क के बाद अपनी लड़ाकू क्षमताओं को लेकर कई विकास किए गए है। उन्होंने बताया कि सरकार अभी फिलहाल लगभग 3,500 किमी लंबी एलएसी पर बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दे रही है। यही नहीं थलसेना ने भी अपनी लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई जरूरी कदम उठाए हैं।

बता दें कि भारतीय और चीनी सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में कुछ स्थानों पर तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है। गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव के बाद भारत और चीन के संबंधों में काफी गिरावट देखी गई है। 
 

Web Title: IAF sends over 68000 troops to eastern Ladakh after india china Galwan Valley clash

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