"मुझे लगा कि विपक्ष ईवीएम की शवयात्रा निकालेगा, लेकिन 4 जून की शाम उन्होंने कोसना बंद कर दिया", नरेंद्र मोदी का विपक्ष पर हमला बोला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 7, 2024 02:56 PM2024-06-07T14:56:00+5:302024-06-07T15:01:44+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के बारे में संदेह जताने के लिए विपक्ष पर जमकर हमला किया।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के बारे में संदेह जताने के लिए विपक्ष पर हमला किया और कहा कि वह चाहते हैं कि लोग लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास करना बंद कर दें।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार पीएम ने नये सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, “विपक्ष के लोगों ने यह सुनिश्चित किया था कि लोग भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास करना बंद कर दें। उन्होंने लगातार ईवीएम का दुरुपयोग किया। मुझे लगा था कि वे ईवीएम की शवयात्रा निकालेंगे लेकिन 4 जून की शाम तक ईवीएम ने उन्हें कोसना बंद कर दिया।"
पीएम मोदी ने कहा, "यह भारत के लोकतंत्र की ताकत है, इसकी निष्पक्षता है। मुझे उम्मीद है कि पांच साल तक ईवीएम के बारे में सुनने को नहीं मिलेगा। 2029 में शायद वे फिर से ईवीएम का राग अलापेंगे। देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।''
मोदी ने अपने भाषण में कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के संसदीय दल ने मुझे नेता घोषित करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया।
मोदी ने ईवीएम में पारदर्शिता के बारे में चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट से शिकायत करने के लिए विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया) पर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा, “उन्होंने चुनाव आयोग के काम में बहुत हस्तक्षेप किया। सुप्रीम कोर्ट के बाहर केवल एक ही पार्टी थी। जिन्हें लोकतंत्र पर भरोसा नहीं है, उन्होंने चुनावी प्रक्रिया को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का इस्तेमाल किया।"
उन्होंने विपक्ष पर भारत को बदनाम करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। पीएम मोदी ने कहा, "यह एक साजिश का हिस्सा है। प्रौद्योगिकी में यह अविश्वास सिर्फ ईवीएम में ही नहीं बल्कि यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) में भी दिखाई देता है। ये चिंता की बात है कि वो घूम-घूम कर कह रहे हैं कि भारत में लोकतंत्र ख़त्म हो गया है। अब दुनिया भी भारत की विविधता, विशालता और गहराई को जानने-समझने के लिए आकर्षित होगी।''