पढ़िए अरुण जेटली का पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा पूरा पत्र, ‘‘मेरे पास इस दौरान काफी समय होगा, जिसमें मैं सरकार-पार्टी की अनौपचारिक तौर पर मदद कर सकूंगा’’

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 29, 2019 03:50 PM2019-05-29T15:50:31+5:302019-05-29T15:50:31+5:30

I have today written a letter to the Hon’ble Prime Minister, a copy of which I am releasing: | पढ़िए अरुण जेटली का पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा पूरा पत्र, ‘‘मेरे पास इस दौरान काफी समय होगा, जिसमें मैं सरकार-पार्टी की अनौपचारिक तौर पर मदद कर सकूंगा’’

उन्होंने खराब स्वास्थ्य के चलते नयी सरकार में मंत्री बनने से इनकार किया है।

Highlightsमैं अपने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर ध्यान दे सकूंगा। भाजपा और राजग ने आपके नेतृत्व में शानदार जीत दर्ज की है।स्वास्थ्य के लिये कुछ समय चाहिए और इस कारण मुझे अभी नयी सरकार में कोई जिम्मेदारी न दी जाए।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय वित्त एवं कारपोरेट कार्य मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर नयी सरकार में मंत्री बनने में असमर्थता जाहिर की।

जेटली द्वारा आधिकारिक लेटरहेड पर 29 मई को अंग्रेजी में लिखे पत्र का मूल पाठ इस प्रकार है: ‘‘आपके नेतृत्व वाली सरकार में पिछले पांच साल रह कर काम करना मेरे लिये बड़े गर्व की बात है और यह एक शिक्षाप्रद अनुभव रहा है।

इससे पहले भी पार्टी ने मुझे पहली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में, पार्टी संगठन में और जब हम विपक्ष में थे तब भी मुझे विभिन्न दायित्व सौंपा। मैं अब इससे अधिक की अपेक्षा कर भी नहीं सकता था। पिछले 18 महीनों के दौरान मुझे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

मेरे चिकित्सकों ने उनमें से अधिकांश चुनौतियों से मुझे सफलतापूर्वक बाहर निकाल दिया है। जब चुनाव प्रचार खत्म हो चुका था और आप केदारनाथ जा रहे थे, तो मैंने आप से जुबानी कहा था कि चुनाव प्रचार के दौरान मुझे जो जिम्मेदारियां दी गयी थीं, मैं उन्हें पूरा करने में यद्यपि समर्थ रहा, मैं भविष्य में कुछ समय के लिए जिम्मेदारी से दूर रहना चाहूंगा।

इससे मैं अपने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर ध्यान दे सकूंगा। भाजपा और राजग ने आपके नेतृत्व में शानदार जीत दर्ज की है। नयी सरकार कल शपथ लेगी। मैं आपसे औपचारिक रूप से यह निवेदन करने के लिए लिख रहा हूं कि मुझे अपने लिये, अपनी चिकित्सा के लिये और अपने स्वास्थ्य के लिये कुछ समय चाहिए और इस कारण मुझे अभी नयी सरकार में कोई जिम्मेदारी न दी जाए।

मेरे पास इस दौरान निश्चित तौर पर काफी समय होगा, जिसमें मैं सरकार और पार्टी की अनौपचारिक तौर पर मदद कर सकूंगा।’’ 

स्वास्थ्य कारणों से मंत्री नहीं बनना चाहता

अरुण जेटली ने केन्द्र में बनने वाली नई सरकार में अपनी भूमिका को लेकर पिछले कुछ दिनों से चल रही उहापोह को समाप्त कर दिया। उन्होंने खराब स्वास्थ्य के चलते नयी सरकार में मंत्री बनने से इनकार किया है।

उन्होंने प्रधानमंत्री को भेजा गया अपना पत्र ट्विटर और फेसबुक पर भी डाला है। जेटली ने कहा कि हाल ही में संपन्न चुनाव में भाजपा को भारी बहुमत मिलने के तुरंत बाद उन्होंने अपनी अघोषित बीमारी का इलाज के लिये समय देने के बारे में मोदी को सूचित किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे औपचारिक रूप से यह निवेदन करने के लिए लिख रहा हूं कि मुझे अपने लिये, अपनी चिकित्सा के लिये और अपने स्वास्थ्य के लिये कुछ समय चाहिए और इस कारण मुझे अभी नयी सरकार में कोई जिम्मेदारी न दी जाए।’’

जेटली को पिछले सप्ताह जांच एवं इलाज के लिये एम्स में भर्ती होना पड़ा था। उन्हें चुनाव परिणाम की घोषणा वाले दिन बृहस्पतिवार को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था। हालांकि जेटली उस दिन शाम में भाजपा मुख्यालय में आयोजित जीत के जश्न समारोह में शामिल नहीं हो पाये थे।

जेटली ने पत्र में लिखा कि पिछले 18 महीनों में उन्होंने कुछ गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना किया है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे चिकित्सकों ने उनमें से अधिकांश चुनौतियों से मुझे सफलतापूर्वक बाहर निकाला है। जब चुनाव प्रचार खत्म हो चुका था और आप केदारनाथ जा रहे थे, तो मैंने आप से जुबानी कहा था कि चुनाव प्रचार के दौरान मुझे जो जिम्मेदारियां दी गयी थीं, मैं उन्हें पूरा करने में यद्यपि समर्थ रहा लेकिन भविष्य में कुछ समय के लिए मैं जिम्मेदारी से दूर रहना चाहूंगा।

इससे मैं अपने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर ध्यान दे सकूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आपके नेतृत्व वाली सरकार में पिछले पांच साल रह कर काम करना मेरे लिये बड़े गर्व की बात है और यह एक शिक्षाप्रद अनुभव रहा है। इससे पहले भी पार्टी ने मुझे पहली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में, पार्टी संगठन में और जब हम विपक्ष में थे तब भी मुझे विभिन्न दायित्व सौंपा। मैं अब इससे अधिक की अपेक्षा कर भी नहीं सकता था।’’

जेटली 2009 से 2014 के दौरान राज्यसभा में विपक्ष के नेता रह चुके हैं। जेटली पेशे से वकील हैं और मोदी के मंत्रिमंडल में सबसे महत्वपूर्ण मंत्री रहे हैं। उन्होंने अक्सर सरकार के लिये मुख्य संकटमोचक का काम किया है। उन्होंने वित्त मंत्री रहते हुए संसद में जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों को बढ़ाया। यह दो दशक से लंबित था।

वह तीन तलाक जैसे मुद्दों पर आये कानूनों को आगे लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका में रहे। राफेल सौदे का बचाव करने में भी वह बहुत मुखर रहे। जेटली खराब स्वास्थ्य के कारण इस बार चुनाव नहीं लड़े। वर्ष 2014 में वह अपने पहले संसदीय चुनाव में अमृतसर से हार गये थे।

जेटली कई साल तक पार्टी के प्रवक्ता रहे। वह पहली बार 47 वर्ष की उम्र में गुजरात से राज्यसभा पहुंचे। तब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। जेटली अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे। जब मोदी प्रधानमंत्री बने तो उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया। उन्होंने कुछ समय तक रक्षा मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का भी काम संभाला। 

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