उद्धव ठाकरे ने खुद को बताया भाग्यशाली मुख्यमंत्री, कहा- कभी नहीं छोडूंगा 'हिंदुत्व' की विचारधारा, फड़नवीस से रहेगी अच्छी दोस्ती
By रामदीप मिश्रा | Published: December 1, 2019 02:00 PM2019-12-01T14:00:12+5:302019-12-01T14:00:12+5:30
21 अक्टूबर को हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा 105 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। वहीं, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत मिली थी।
उद्धव ठाकरे नीत 'शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस' गठबंधन की 'महाराष्ट्र विकास आघाडी' सरकार ने राज्य विधानसभा में अपना विश्वासमत हासिल कर चुकी है। इस बीच रविवार (एक दिसंबर) को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रदेश की विधानसभा में खुद को एक भाग्यशाली मुख्यमंत्री बताया है।
समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा, 'मैं एक भाग्यशाली मुख्यमंत्री हूं क्योंकि जो लोग मेरे विरोध में थे वे अब मेरे साथ हैं और जो पहले मेरे सपोर्ट में थे अब विपक्ष में हैं। मैं यहां अपनी किस्मत और लोगों के आशीर्वाद की वजह से हूं। मैंने कभी किसी को नहीं बताया कि मैं यहां आऊंगा, लेकिन मैं आ गया।'
उन्होंने कहा, 'मैंने देवेंद्र फड़नवीस से बहुत सी चीजें सीखी हैं और मैं हमेशा उनसे दोस्ती रखूंगा। मैं अभी भी 'हिंदुत्व' की विचारधारा के साथ हूं और इसे कभी नहीं छोड़ूंगा। पिछले 5 वर्षों में मैंने कभी भी सरकार को धोखा नहीं दिया है।'
उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फड़नवीस से कहा, 'मैं आपको को 'विपक्षी नेता' नहीं कहूंगा बल्कि एक 'जिम्मेदार नेता' कहूंगा। अगर आप हमारे लिए अच्छे होते तो यह सब (भाजपा-शिवसेना में फूट) नहीं होता।'
Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray: I won’t call you (Devendra Fadnavis) an 'Opposition leader', but I will call you a 'responsible leader'. If you would have been good to us then, all this (BJP-Shiv Sena split) would have not happened. pic.twitter.com/9CfT84S6nV
— ANI (@ANI) December 1, 2019
आपको बता दें कि 'महाराष्ट्र विकास आघाडी' गठबंधन ने बीते दिन शनिवार को विश्वासमत हासिल किया। राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में विधायकों की गिनती शुरू होने से पहले बीजेपी अपने 105 विधायकों के साथ वाकआउट कर गई थी। पार्टी ने कहा था कि मंत्रियों को शपथ ग्रहण कराये जाने के गैर कानूनी तरीके और जिस तरीके से सदन का सत्र बुलाया गया, उसके खिलाफ यह बहिष्कार किया गया। कुल 169 विधायकों ने विश्वासमत के समर्थन में वोट डाला था।
गौरतलब है कि 21 अक्टूबर को हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा 105 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। वहीं, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत मिली थी।