हैदराबाद एनकाउंरः साइबराबाद पुलिस के खिलाफ फेक मुठभेड़ की शिकायत दर्ज, राज्य सरकार ने जांच के लिए SIT का किया गठन
By रामदीप मिश्रा | Published: December 9, 2019 07:34 AM2019-12-09T07:34:07+5:302019-12-09T07:34:07+5:30
हैदराबाद एनकाउंरः तेलंगाना उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सरकार को निर्देश दिया था कि वह चारों आरोपियों के शवों को नौ दिसंबर की रात आठ बजे तक सुरक्षित रखे। अदालत सोमवार को मामले की सुनवाई करेगी। चारों आरोपियों को 29 नवंबर को 25 वर्षीय पशु चिकित्सक से बलात्कार करने और उसकी हत्या करने तथा बाद में उसके शव को जलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
हैदराबाद में एक महिला पशु चिकित्सक से गैंगरेप और उसकी हत्या के चारों आरोपियों को पुलिस ने मुठभेड़ में मारने का दावा किया था। अब इस मामले में तेलंगाना सरकार ने पुलिस एनकाउंटर की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। एसआईटी का नेतृत्व राचकोंडा के पुलिस आयुक्त महेश एम भागवत करेंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना में रविवार को साइबराबाद पुलिस के खिलाफ फेक एनकाउंटर का आरोप लगाते हुए शियाकत दर्ज करवाई है, जिसमें कहा गया है कि 6 दिसंबर को पुलिस ने जो मुठभेड़ की थी वह फेक है।
Government of Telangana constitutes a Special Investigation Team (SIT) for investigation into the encounter by police against the 4 accused who were involved in a woman veterinarian's rape and murder. The SIT will be headed by Rachakonda Police Commissioner Mahesh M Bhagwat. pic.twitter.com/0zfYBqyLyv
— ANI (@ANI) December 8, 2019
इधर, चारों आरोपियों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की जांच कर रही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की एक टीम ने रविवार को उनके परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज किए। एनएचआरसी की जांच समिति ने मृतका के निकट परिजन को भी सुना।
A complaint was filed, today, against Cyberabad police saying that 'the encounter which was carried out by police on 6 December against the 4 accused who were involved in veterinary doctor's rape and murder case was fake'. #Telangana
— ANI (@ANI) December 8, 2019
पुलिस सूत्रों बताया कि आरोपियों के परिवार के सदस्यों को नारायणपेट जिले से शहर में लाया गया था और आयोग की टीम ने उनके बयान दर्ज किए। उन्होंने कहा, ‘‘टीम से बात करने के बाद संवाददाताओं को महिला पशु चिकित्सक के पिता ने बताया कि उन्होंने (आयोग की टीम ने) हमारी समस्याओं के बारे में और घटना कैसे हुई, इस बारे में पूछा...। ’’
उन्होंने बताया कि परिवार को टीवी चैनलों से मुठभेड़ की खबर मिली। इससे पहले पीड़िता की कॉलोनी के कुछ बाशिंदों इलाके में पालथी मारकर बैठ गए और पूछा कि इतने दिनों से एनएचआरसी कहां था। उन्होंने तख्तियां ले रखी थी जिन पर लिखा था, ‘‘हमें न्याय चाहिए’, ‘लड़कियों का सम्मान करो’ और ‘महिलाओं को बचाओ’।
शुक्रवार तड़के हुई ‘मुठभेड़’ को लेकर पुलिस की कार्रवाई के बारे में बहस छिड़ने के एक दिन बाद आयोग ने तथ्य का पता लगाने के लिये एक टीम को भेजा था। टीम ने शनिवार को महबूबनगर जिले के सरकारी अस्पताल के मुर्दाघर का दौरा किया था, जहां पोस्टमॉर्टम के बाद चारों आरोपियों के शवों को रखा गया है।
एनएचआरसी टीम में फॉरेंसिक मेडिसिन के विशेषज्ञ भी शामिल हैं। टीम ने शवों का परीक्षण किया और यहां से 50 किलोमीटर दूर चट्टनपल्ली गांव का भी दौरा किया, जहां 28 नवंबर को एक पुलिया के नीचे से महिला का जला हुआ शव बरामद हुआ था। टीम ने पास में ही स्थित मुठभेड़ स्थल का भी दौरा किया था। शुक्रवार को ‘मुठभेड़’ में चार आरोपियों के मारे जाने का संज्ञान लेते हुए आयोग ने घटना की जांच के आदेश दिये थे।
एनएचआरसी ने कहा था कि मुठभेड़ चिंता का विषय है और उसकी सावधानी से जांच किये जाने की आवश्यकता है। इसके बाद घटनास्थल पर जाकर मामले के तथ्यों का पता लगाने के लिये सात सदस्यीय एक दल को तैनात किया गया था। चारों आरोपियों के शवों का महबूबनगर के सरकारी जिला अस्पताल में पोस्टमॉर्टम किया गया है और उसकी वीडियोग्राफी की गई।
इस बीच, तेलंगाना उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सरकार को निर्देश दिया था कि वह चारों आरोपियों के शवों को नौ दिसंबर की रात आठ बजे तक सुरक्षित रखे। अदालत सोमवार को मामले की सुनवाई करेगी। चारों आरोपियों को 29 नवंबर को 25 वर्षीय पशु चिकित्सक से बलात्कार करने और उसकी हत्या करने तथा बाद में उसके शव को जलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।