कश्मीर में बदल रहा है आतंकवाद का चेहरा! हाइब्रिड आतंकी बनते जा रहे हैं नई चुनौती, सीमापार से मिलती है ऑनलाइन ट्रेनिंग
By सुरेश एस डुग्गर | Published: November 21, 2022 02:33 PM2022-11-21T14:33:50+5:302022-11-21T14:33:50+5:30
इस साल जम्मू-कश्मीर में पकड़े गए 335 लोगों में से आधे से अधिक की पहचान हाइब्रिड आतंकी यानी फेसलेस आतंकी के तौर पर की जा चुकी है। पिछले साल भी 134 हाइब्रिड आतंकी पकड़े गए थे।
जम्मू: कश्मीर में आतंकवाद का चेहरा बदल रहा है। अब यह फेसलेस हो गया है क्योंकि ऑनलाइन ट्रेनिंग लेने वाले अब हाइब्रिड आतंकी बनने लगे हैं। इनकी संख्या नियमित प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले आतंकियों से कई गुणा अधिक बताई जा रही है। इस साल अभी तक पकड़े गए 335 लोगों में से आधे से अधिक हाइब्रिड आतंकी यानि फेसलेस आतंकी थे जिन्हें सीमा पार बैठे उनके आकाओं ने ऑनलाइन हथगोले फेंकने और पिस्तौलें चलाने की ट्रेनिंग देकर मैदान में उतरने को उकसाया है।
पिछले साल भी 134 से अधिक फेसलेस अर्थात हाइब्रिड आतंकी पकड़े जा चुके हैं। पुलिस के मुताबिक, पहले पकड़े जाने वाले ओजीडब्ल्यू अर्थात ओवर ग्राउंड वर्करों द्वारा हथियारों के इस्तेमाल के साथ ही हमलों में शामिल होने की कोई घटनाएं नहीं होती थीं क्योंकि वे सूचनाएं पहुंचाने के अतिरिक्त कूरियर का ही काम करते थे।
हालांकि, अब आतकंवाद का जो चेहरा बदला उसमें फेसलेस अर्थात हाइब्रिड आतंकियों ने बड़ी चिंता पैदा कर दी है। एक तथ्य इनके प्रति यह भी है कि अधिकतर हाइब्रिड आतंकी नियमित प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले आतंकियों को नहीं जानते हैं और इन फेसलेस आतंकियों को सीमा पार से सोशल मीडिया के जरिए ही नियंत्रित किया जा रहा है।
हालत यह है कि आपके साथ बाजार में चलने वाला युवक हाइब्रिड आतंकी है या आम नागरिक, पता लगाना मुश्किल हो गया है। ऐसी कई घटनाएं कश्मीर में हो चुकी हैं जिनमें मासूम दिखने वाले युवक हाइब्रिड आतंकी निकले जो अभी तक फेसलेस ही थे।
हालांकि पुलिस में उच्च स्तर पर हाइब्रिड आतंकियों को लेकर अभी भी एक राय नहीं है। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह फेसलेस आतंकियों को बड़ा खतरा नहीं मानते हैं पर बकौल अतिरिक्त महानिदेशक विजय कुमार यह वो खतरा है जिससे निपटना आने वाले दिनों में और मुश्किल हो जाएगा।