हुर्रियत कान्फ्रेंस ने कश्मीरी राजनीतिक कैदियों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जतायी
By भाषा | Updated: April 26, 2021 19:29 IST2021-04-26T19:29:47+5:302021-04-26T19:29:47+5:30

हुर्रियत कान्फ्रेंस ने कश्मीरी राजनीतिक कैदियों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जतायी
श्रीनगर, 26 अप्रैल मीरवाइज उमर फारूक की अगुवाई वाले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने कोविड-19 महामारी के बीच देश भर की जेलों में बंद कश्मीरी राजनीतिक कैदियों के स्वास्थ्य को लेकर सोमवार को चिंता व्यक्त की और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की।
हुर्रियत ने एक बयान में कहा कि वह कश्मीरी राजनीतिक बंदियों की स्वास्थ्य रिपोर्ट को लेकर बहुत चिंतित है क्योंकि पूरे भारत की जेलों में महामारी का कहर है।
उसने कहा, ‘‘कैदियों के पारिवारिक सूत्रों के अनुसार जेलों के अंदर बुनियादी सुविधाओं की कमी से स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं पैदा हो गई हैं।’’
मीरवाइज के मीडिया सलाहकार एवं वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद शाहिद-उल-इस्लाम के पारिवारिक सूत्रों के हवाले से हुर्रियत ने कहा कि वह बहुत बीमार हैं और उनमें तेज बुखार सहित कोरोना वायरस के सभी लक्षण दिख रहे हैं लेकिन ‘‘प्राधिकारी उनकी न तो जांच करा रहे हैं और न ही उन्हें अस्पताल ले जा रहे हैं।’’
संगठन ने कहा, ‘‘यह अत्यंत चिंताजनक है कि राजनीतिक कैदियों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, वे भी मनुष्य हैं। मानवाधिकार संगठनों सहित सभी की इस मुद्दे पर चुप्पी के चलते प्राधिकारी कैदियों के प्रति उदासीनता और अमानवीयता दिखा रहे हैं।’’
हुर्रियत ने कहा कि "उदासीनता" ऐसी है कि तिहाड़ जेल में बंद अलगाववादी नेता मोहम्मद अयाज अकबर को अपनी पत्नी को देखने के लिए बार-बार की अपील के बावजूद पैरोल पर एक दिन के लिए भी रिहा नहीं किया गया, जो पिछले तीन साल से कैंसर से पीड़ित थीं और उन्होंने हाल ही में अंतिम सांस ली।
हुर्रियत ने ‘‘मानवाधिकार संगठनों, नागरिक समाज के सदस्यों और सभी लोगों से अपील की जेलों में इन कैदियों की दुर्दशा पर ध्यान दें और इससे पहले कि यह बहुत देर हो जाए उनकी रिहाई सुनिश्चित करें।
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