'सड़क पर चलने वाले भूखे लोगों को लोन नहीं पैसा चाहिए', राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला

By स्वाति सिंह | Published: May 16, 2020 12:53 PM2020-05-16T12:53:12+5:302020-05-16T13:13:44+5:30

राहुल गांधी ने कहा कि सरकार की मदद कर्ज का पैकेट नहीं होना चाहिए। किसान, प्रवासी मजदूरों की जेब में सीधा पैसा जाना चाहिए।

'Hungry people on the road don't want money, no loan', Rahul Gandhi over Modi government | 'सड़क पर चलने वाले भूखे लोगों को लोन नहीं पैसा चाहिए', राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला

इससे पहले राहुल ने दिल्ली में कई पत्रकारों से इस मुद्दे पर 2 बार प्रेस वार्ता की है। इ

Highlightsकांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अलग-अलग राज्यों के पत्रकारों से कोरोना महामारी पर चर्चा कर रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि सड़क पर चलने वाले भूखे लोगों को लोन नहीं पैसे चाहिए

नई दिल्ली: देश में चल रहे कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अलग-अलग राज्यों के पत्रकारों से इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं। शनिवार को राहुल गांधी ने कहा कि सरकार की मदद कर्ज का पैकेट नहीं होना चाहिए। किसान, प्रवासी मजदूरों की जेब में सीधा पैसा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, 'सड़क पर चलने वाले प्रवासी मजदूरों को कर्ज नहीं पैसे की जरूरत है। बच्चा जब रोता है तो मां उसे लोन नहीं देती, उसे चुप कराने का उपाय निकालती है, उसे ट्रीट देती है। सरकार को साहूकार नहीं, मां की तरह व्यवहार करना होगा। ऐसे लोगों के लिए सरकार, विपक्ष और मीडिया सभी को मिलकर काम करना चाहिए। प्रभावित सभी लोगों के बैंक अकाउंट में सरकार को सीधे पैसे भेजना चाहिए।'

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार से आग्रह किया कि वह आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करें और लोगों के खाताों में सीधे पैसे डालें क्योंकि इस वक्त उन्हें कर्ज की नहीं, बल्कि सीधी आर्थिक मदद की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को लॉकडाउन को समझदारी एवं सावधानी के साथ खोलने की जरूरत है और बुजुर्गों एवं गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

गांधी ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘ जो पैकेज होना चाहिए था वो कर्ज का पैकेज नहीं होना चाहिए था। इसको लेकर मेरी निराशा है। आज किसानों, मजदूरों और गरीबों के खाते में सीधे पैसे डालने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ आप (सरकार) कर्ज दीजिए, लेकिन भारत माता को अपने बच्चों के साथ साहूकार का काम नहीं करना चाहिए, सीधे उनकी जेब में पैसे देना चाहिए। इस वक्त गरीबों, किसानों और मजदूरों को कर्ज की जरूरत नहीं, पैसे की जरूरत है।’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ मैं विनती करता हूं कि नरेंद्र मोदी जी को पैकेज पर पुनर्विचार करना चाहिए। किसानों और मजदूरों को सीधे पैसे देने के बारे में सोचिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सुना है कि पैसे नहीं देने का कारण रेटिंग है। कहा जा रहा है कि वित्तीय घाटा बढ़ जाएगा तो बाहर की एजेंसियां हमारे देश की रेटिंग कम कर देंगी। हमारी रेटिंग मजदूर, किसान, छोटे कारोबारी बनाते हैं। इसलिए रेटिंग के बारे में मत सोचिए, उन्हें पैसा दीजिए।’’

गांधी के मुताबिक लॉकडाउन खोलते समय समझदारी और सावधानी की जरूरत है। हमें इसे ध्यान से हटाना है। हमारे बुजुर्गों, हृदय, फेफड़े और किडनी के रोग से ग्रसित लोगों की रक्षा करनी चाहिए।

इससे पहले राहुल ने दिल्ली में कई पत्रकारों से इस मुद्दे पर 2 बार प्रेस वार्ता की है। इसके साथ ही पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन और नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी से बातचीत भी की जिसमें कोविड-19 के भारत पर असर की बात की गई। इसके जरिए राहुल ने केंद्र की मोदी सरकार को सलाह भी दी थी।

Web Title: 'Hungry people on the road don't want money, no loan', Rahul Gandhi over Modi government

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