गृहमंत्री अमित शाह ने 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' पर कहा, "वोटबैंक के खौफ में रहने वाले दल जान लें, इस देश का फैसला 'रजाकार' नहीं करेंगे"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 17, 2022 03:34 PM2022-09-17T15:34:53+5:302022-09-17T15:39:07+5:30
हैदराबाद में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि निजाम की सत्ता जाने के बाद भी कुछ लोग केवल वोट पाने के लिए वादा करके भी 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' नहीं मनाते थे।
हैदराबाद: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नेहरू सरकार द्वारा साल 1948 में किये गये 'ऑपरेशन पोलो' के जरिये निजाम के शासन से मुक्त हुए हैदराबाद के मुक्ति दिवस पर आयोजित समारोह में शनिवार को कहा कि तेलंगाना में कुछ राजनीतिक दलों और लोगों ने वोटबैंक की राजनीति के कारण कई वर्षों तक आधिकारिक रूप से 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' नहीं मनाया।
सत्तारूढ़ टीआरएस पर परोक्ष हमला करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि निजाम की सत्ता जाने के बाद भी कुछ लोग केवल वोट पाने के लिए वादा करके भी 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' नहीं मनाया। इसे तेलंगाना का दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' मनाने का फैसला करने वाले देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते हैं।
उन्होंने कहा, "जब तेलंगाना की जनता मांग कर रही थी कि राज्य सरकार हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाया तो वह नहीं किया गया। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के 75 साल पूरे हो गए, लेकिन जो लोग यहां सरकार में थे, वो वोट बैंक की राजनीति के कारण हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने की हिम्मत नहीं कर सके।"
गृहमंत्री ने तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव पर परोक्ष हमला करते हुए कहा, "कई लोगों ने चुनाव में जनता से वादा किया था वो सरकार में आने के बाद हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाएंगे, कहां गया उनका वादा। वो बताएं जनता को आखिर क्या हुआ उनके वादे का।"
अमित शाह ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने के फैसले पर आश्चर्यचकित नहीं हैं, उन्हें खुशी हुई कि पीएम मोदी के कारण आज हर कोई उस दिन के जश्न को मना रहा है।
उन्होंने कहा, "वे भी इस दिन को मनाते हैं लेकिन वो इसे 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' करने की हिम्मत नहीं करते हैं क्योंकि उनके मन में अभी भी डर है। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि डर को दूर करें। इस देश का फैसला 'रजाकार' नहीं करेंगे।"
इसके साथ ही गृहमंत्री ने हैदराबाद की आजादी का श्रेय देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को देते हुए कहा कि अगर सरदार पटेल नहीं होते तो हैदराबाद को आजाद होने में शायद और कई साल लग जाते। वह जानते थे कि जब तक निजाम के रजाकारों को नहीं हराया जाएगा अखंड भारत का सपना कभी पूरा नहीं हो सकता है।
इस मौके पर केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि 17 सितंबर, 1948 को देश के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल ने हैदराबाद में तिरंगा फहराया था और उसके 74 सालों के बाद आज गृहमंत्री अमित शाह ऐसा कर रहे हैं।
मालूम हो कि तत्कालीन जवाहर लाल नेहरू सरकार में गृहमंत्री रहे सरदार बल्लभ भाई पटेल ने भारतीय सैनिकों को निज़ाम शासन के खिलाफ 'ऑपरेशन पोलो' का आदेश दिया था। जिसमें भारतीय सैनिकों और नवाब के रजाकारों के बीच हिंसक टकराव हुआ।
उसके बाद निजाम ने हार मान ली और 17 सितंबर 1948 को हैदराबाद निजाम के चंगुल से आजाद होकर भारतीय शासन में शामिल हो गया। इसलिए इस दिन को 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' को कहा जाता है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनुपट के साथ)