पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी की 14 साल बाद बीजेपी में वापसी, गृह मंत्री अमित शाह ने कही ये बात
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 17, 2020 03:36 PM2020-02-17T15:36:50+5:302020-02-17T15:36:50+5:30
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में सोमवार को झाविमो के प्रमुख बाबूलाल मरांडी भाजपा में शामिल हुए।
पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा (JVM) प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने रांची में एक कार्यक्रम में गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह की उपस्थिति में अपनी पार्टी का विलय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ किया। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज मेरे लिए बड़े हर्ष का विषय है, क्योंकि मैं जब 2014 में पार्टी का अध्यक्ष बना, तभी से प्रयास कर रहा था कि बाबूलाल जी भाजपा में आ जाये।
वहीं, उन्होंने कहा कि बाबूलाल के भाजपा में आने से पार्टी के स्थानीय नेतृत्व को अनुभवी नेता मिलेगा और भाजपा की ताकत कई गुना बढ़ेगी। शाह ने कहा कि मैं भाजपा और भाजपा के करोड़ों कार्यकर्ताओं की ओर से बाबूलाल मरांडी जी और उनके साथ आए झारखंड विकास मोर्चा के लाखों कार्यकर्ताओं का स्वागत करता हूं और विश्वास भी दिलाता हूं कि आप अपने ही घर में आए हैं।
Union Home Minister Amit Shah in Ranchi: While being in opposition, BJP will support public welfare schemes of the Jharkhand government. But we will oppose attempts of encouraging Naxalism, terrorism and corruption. We will fight against these issues in and outside the Assembly. pic.twitter.com/kQxXuDaRCx
— ANI (@ANI) February 17, 2020
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में सोमवार को झाविमो के प्रमुख बाबूलाल मरांडी भाजपा में शामिल हुए। जबकि, झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में विलय हो गया है। अमित शाह ने बाबूलाल मरांडी को माला पहनाकर पार्टी में स्वागत किया। मरांडी के साथ-साथ झाविमो के कई पदाधिकारी भी भाजपा में शामिल हुए।
मरांडी ने पार्टी विलय से पहले अपने साथियों को बाहर का रास्ता दिखाया
बाबूलाल मरांडी ने पिछले दिनों बताया था कि केंद्रीय समिति ने पार्टी विधायकों-प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के निष्कासन को भी मंजूरी दे दी। इसके बाद उन्होंने भाजपा विलय में बाधा बन रहे अपने दोनों साथियों को पार्टी से निकाल दिया। इससे कुछ समय पहले ही प्रदीप यादव ने नयी दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से भेंट की थी। यादव एक ही पखवाड़े में झाविमो से निकाले जाने वाले दूसरे पार्टी विधायक थे। उससे पहले बंधू तिर्की को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर निकाल दिया गया था। झाविमो ने विधानसभा चुनाव में तीन सीटें जीती थीं। यादव और तिर्की के अलावा स्वयं मरांडी भी चुनाव जीते थे।
बाबूलाल मरांडी का शिक्षक से सीएम बनने तक का सफर
बता दें कि झारखंड के गिरिडीह जिला के गुरुओं ने राजनीति में अपना एक अलग मुकाम बनाया है। व्यवस्था बदलाव व शिखर तक जाने की सोच के साथ शिक्षक की नौकरी त्यागने वाले गुरुओं ने राजनीति में लंबी लकीर खींच डाली है।
गिरिडीह जिला इस मायने में काफी भाग्यशाली रहा है। यहां शिक्षक की नौकरी त्याग कर राजनीति में किस्मत आजमाने वाले गुरुओं ने पंचायत के मुखिया से लेकर सांसद तक छलांग लगाई। इन्हीं में से एक हैं बाबूलाल मरांडी, जिन्हें शिक्षक की नौकरी से त्यागपत्र देकर झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
बाबूलाल मरांडी का जन्म झारखंड के गिरीडीह के टिसरी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले कोडिया बैंक गांव में 11 जनवरी 1958 को हुआ। इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा गांव से प्राप्त करने के बाद गिरीडीह कॉलेज में दाखिला ले लिया। यहां से इन्होंने इंटरमीडिएट तथा स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
कॉलेज में पढ़ाई के दौरान मरांडी आरएसएस से जुड़ गए। मरांडी ने आरएसएस से पूरी तरह जुड़ने से पहले गांव के स्कूल में कुछ सालों तक कार्य किया। इसके बाद वे संघ परिवार से जुड़ गए। उन्हें झारखंड क्षेत्र के विश्व हिन्दू परिषद का संगठन सचिव बनाया गया।