पिंजौर की पावन भूमि से शुरू हुई ‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष की पवित्र नगर कीर्तन यात्रा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 11, 2025 21:11 IST2025-11-11T21:10:33+5:302025-11-11T21:11:20+5:30

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी केवल सिख समुदाय या भारत के ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के मानवाधिकारों के प्रथम महानायक हैं।

holy Nagar Kirtan Yatra 'Hind Ki Chadar' commemorating 350th martyrdom year of Shri Guru Tegh Bahadur Ji started from the sacred land of Pinjore | पिंजौर की पावन भूमि से शुरू हुई ‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष की पवित्र नगर कीर्तन यात्रा

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Highlights24 नवंबर को कुरुक्षेत्र में होगा समापन, 25 नवंबर को प्रधानमंत्री होंगे महासमागम में मुख्य अतिथि।गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, अंबाला का नाम श्री गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर रखने की मुख्यमंत्री ने की घोषणा।श्री गुरु तेग बहादुर जी संपूर्ण विश्व के मानवाधिकारों के प्रथम महानायक - मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी।

चंडीगढ़ः ‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के पावन अवसर पर मंगलवार को दूसरी पवित्र नगर कीर्तन यात्रा का शुभारंभ हरियाणा के पंचकूला जिले के पिंजौर स्थित पावन भूमि से हुआ। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की उपस्थिति में गुरुद्वारा श्री गुरु नानक दरबार, गांव गोरखनाथ में अरदास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष अरदास करते हुए प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, अंबाला का नाम श्री गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर रखने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी केवल सिख समुदाय या भारत के ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के मानवाधिकारों के प्रथम महानायक हैं।

उन्होंने धर्म और देश की रक्षा हेतु सर्वोच्च बलिदान दिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिंजौर से आरंभ की गई यह दूसरी नगर कीर्तन यात्रा, गुरु जी के तप, त्याग, विचार और धर्म रक्षा के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का व्यापक अभियान है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी वर्ष पर कुरुक्षेत्र महासमागम के मुख्य अतिथि

उन्होंने बताया कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के उपलक्ष्य में प्रदेशभर में चार पवित्र नगर कीर्तन यात्राएं निकाली जा रही हैं जो हरियाणा के सभी जिलों से गुजरेंगी। इन यात्राओं का समापन 24 नवंबर को कुरुक्षेत्र में होगा। 25 नवंबर को श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी वर्ष पर कुरुक्षेत्र में महासमागम का आयोजन होगा, जिसमें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी का हरियाणा की पावन धरा से गहरा संबंध रहा है। वर्ष 1665 में उन्होंने सिख पंथ के मुख्यालय को धमतान (परगना जींद, बांगर देश – वर्तमान हरियाणा) में स्थानांतरित किया था। उसी वर्ष उन्होंने बांगर देश से लोहगढ़ की यात्रा करते हुए जींद, कैथल, चीका, कराह, सियाना सईदा और पिहोवा में संगत से मिलकर उन्हें धर्म मार्ग पर चलने का संदेश दिया।

इसके पश्चात गुरु जी ने कुरुक्षेत्र जिले के बारना गांव, थानेसर, लाडवा और यमुनानगर क्षेत्र में भी दौरा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणावासियों का यह परम सौभाग्य है कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के पावन चरण इस भूमि पर कई बार पड़े। उन्होंने अपने प्रवास के दौरान संगतों को दिव्य ज्ञान प्रदान किया और धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित किया।

जहां-जहां वे पधारे, वहां स्थापित गुरुघर आज भी उनकी शिक्षाओं और आदर्शों की ज्योति को प्रज्वलित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा हमारे महापुरुषों और गुरुओं के पर्वों को भव्य स्तर पर मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती को बड़े ही श्रद्धा और सम्मान के साथ राज्य स्तर पर मनाने का काम किया।

अब श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें  शहीदी वर्ष को भी राज्य स्तर पर अत्यंत भव्य रूप से आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन की अगुवाई हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार जगदीश सिंह झिंडा कर रहे हैं, जो लगातार इन यात्राओं को आगे बढ़ा रहे हैं। कमेटी द्वारा गुरुओं की वाणी, शिक्षाओं और इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है।

प्रदेश सरकार की ओर से किए गए विभिन्न कार्यों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिरसा स्थित चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में श्री गुरु तेग बहादुर जी के नाम से एक अनुसंधान पीठ (चेयर) स्थापित की गई है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ उनके जीवन, दर्शन और योगदान पर शोध कर सकें और गुरुओं के इतिहास से आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा प्राप्त करें।

यमुनानगर में बन रहे मेडिकल कॉलेज का नाम भी श्री गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर रखा गया है, जो शीघ्र ही पूर्ण होकर जनता को समर्पित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचकूला से पोंटा साहिब तक की सड़क का नाम श्री गुरु गोविंद सिंह जी के नाम पर रखा गया है।

इसी प्रकार, असंध स्थित एक कॉलेज का नाम श्री गुरु गोविंद सिंह जी के छोटे पुत्र के नाम पर रखा गया है। साथ ही, गुरु गोविंद सिंह जी की ननिहाल लखनौर साहिब में माता गुजरी देवी के नाम से वी.एल.डी.ए. कॉलेज की स्थापना की गई है, जो गुरु परंपरा और हमारी सांस्कृतिक विरासत के सम्मान का प्रतीक है।

इस अवसर पर हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रधान सरदार जगदीश सिंह झिंडा, हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के उप प्रधान सरदार गुरमीत सिंह रामसर, सरदार बलजीत सिंह दादूवाल, राज्यसभा सांसद रेखा शर्मा, कार्तिकेय शर्मा,  विधायक शक्तिरानी शर्मा, जिला अध्यक्ष अजय मित्तल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, बंतो कटारिया, ओएसडी डॉ प्रभलीन सिंह, ओम प्रकाश देवीनगर, सरदार गुलाब सिंह, बीबी करतार कौर सहित अन्य गणमान्य भी मौजूद रहे। 

पंचकूला ज़िले में 11 से 14 नवंबर तक निकलेगी नगर कीर्तन यात्रा 

यह नगर कीर्तन यात्रा 11 नवंबर को गुरुद्वारा श्री नानक दरबार गांव गोरखनाथ से शुरू होकर गांव मंढावाला, नानकपुर, करणपुर, जोहलुवाल, कीर्तपुर, लोहगढ़, खेड़ा बसला से होती हुई गुरुद्वारा श्री मंजीसाहिब पिंजोर पहुंचेगी, जहाँ रात्रि विश्राम होगा। इसी तरह दूसरे दिन 12 नवंबर को नगर कीर्तन यात्रा गुरुद्वारा श्री मंजीसाहिब पिंजोर से शुरू होकर कालका, टिपरा, मल्लामोड़, हिमशिखा, सीआरपीएफ कैम्प से होती हुई गुरुद्वारा सिंह साहिब बख्शीवाला पहुंचेगी, जाकर रात्रि ठहराव होगा।

तीसरे दिन 13 नवंबर को नगर कीर्तन यात्रा गुरुद्वारा सिंह साहिब बख्शीवाला से शुरू होगी और गुरुद्वारा हिमशिखा, गुरुद्वारा डीएलएफ, अमरावती, चण्डी मंदिर, ओल्ड पंचकूला, माजरी चौंक से होते हुए गुरुद्वारा श्री नाडा साहिब पंचकुला पहुंचेगी, जहाँ रात्रि विश्राम होगा। चौथे दिन 14 नवंबर को गुरुद्वारा नाडा साहिब से शुरू होकर यह नगर कीर्तन यात्रा गांव माणकय होते हुए गुरुद्वारा मानक टबरा पहुंचेगी। 

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