केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे की लड़ाई देवीलाल और भजन लाल के परिवारों से, जानिए किसमें कितना है दम?
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 16, 2019 08:10 AM2019-04-16T08:10:20+5:302019-04-16T08:10:20+5:30
पूर्व उपप्रधानमंत्री स्व. चौधरी देवीलाल के पड़पोते सांसद दुष्यंत चौटाला या फिर उनके पोते अजय सिंह चौटाला की पत्नी नैना चौटाला, जो मौजूदा सांसद दुष्यंत की मां और डबवाली क्षेत्र से इनेलो की विधायक हैं, इस बार हिसार से जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) की टिकट पर मैदान में उतरेंगी. दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई या उनके पोते भव्य बिश्नोई कांग्रेस की टिकट पर हिसार से किस्मत आजमाएंगे.
केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर पहली बार चुनावी मैदान में उतर रहे उनके आईएएस बेटे बृजेंद्र सिंह की लड़ाई हरियाणा के दो लालों, देवीलाल और भजनलाल के परिवारों से होगी. हरियाणा में हिसार लोकसभा सीट से टिकट की घोषणा के बाद बृजेंद्र सिंह ने वीआरएस मांग लिया है. हरियाणा कैडर के आईएएस अफसर के तौर पर बृजेंद्र सिंह विभिन्न विभागों का कामकाज संभालते रहे हैं.
पूर्व उपप्रधानमंत्री स्व. चौधरी देवीलाल के पड़पोते सांसद दुष्यंत चौटाला या फिर उनके पोते अजय सिंह चौटाला की पत्नी नैना चौटाला, जो मौजूदा सांसद दुष्यंत की मां और डबवाली क्षेत्र से इनेलो की विधायक हैं, इस बार हिसार से जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) की टिकट पर मैदान में उतरेंगी. दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई या उनके पोते भव्य बिश्नोई कांग्रेस की टिकट पर हिसार से किस्मत आजमाएंगे.
हिसार क्षेत्र के तहत 9 विधानसभा क्षेत्र आते हैं और इन इलाकों में चौधरी देवीलाल और चौधरी भजनलाल का अच्छा-खासा प्रभाव है. इस क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह के पिता केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भी सांसद रह चुके हैं. बीरेंद्र सिंह किसानों के मसीहा माने जाने वाले सर छोटूराम के नाती हैं. ऐसे में हिसार में हरियाणा के तीन बड़े राजनीतिक घरानों में कांटे के मुकाबले के आसार हैं.
कभी कांग्रेस, कभी जनहित कांग्रेस और कभी इनेलो के कब्जे में रही हिसार सीट पर भाजपा को आज तक कभी जीत नसीब नहीं हो पाई है. यह पहला मौका होगा, जब भाजपा हिसार सीट पर पूरी ताकत से लड़ाई लड़ेगी. बीरेंद्र सिंह का हरियाणा की राजनीति में बड़ा कद है और उनके कांग्रस छोड़कर भाजपा में आने के बाद हिसार सीट पर पार्टी की स्थिति मजबूत हुई है.
पिछले आम चुनावों में मोदी लहर के बावजूद हिसार सीट से इनेलो के दुष्यंत चौटाला जीते थे. दुष्यंत की जीत इस मायने में बड़ी थी कि हिसार सीट से जनिहत कांग्रेस के उम्मीदवार कुलदीप बिश्नोई भाजपा की मदद से चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन उन्हें तब हार का मुंह देखना पड़ा था. अब चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र के मैदान में आ जाने से हिसार में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं और ऊंट किस करवट बैठेगा, राजनीतिक पंडितों के लिए अभी कुछ भी कहना मुश्किल है.