हिंसा फैलाते 'हिंदुत्व' को नकारें: नयनतारा सहगल

By IANS | Published: January 14, 2018 10:18 PM2018-01-14T22:18:37+5:302018-01-14T22:24:21+5:30

'लेखक ही नहीं, मवेशियों को ले जा रहे लोगों को भी मारा जा रहा है। गोमांस रखने तक के संदेह में लोगों की हत्या की जा रही है।'

"Hindutva" violence should be ignore: Nayantara Sehgal | हिंसा फैलाते 'हिंदुत्व' को नकारें: नयनतारा सहगल

हिंसा फैलाते 'हिंदुत्व' को नकारें: नयनतारा सहगल

दिग्गज लेखिका नयनतारा सहगल ने कहा है कि वर्तमान राजनीतिक हालात 'किसी के भी हित में नहीं' हैं। उन्होंने साथ ही हिंसा को बढ़ावा दे रहे 'हिंदुत्व' के विचार को खारिज करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इसका 'हिंदू धर्म से कुछ लेना देना नहीं' है। उन्होंने कहा, "अभी बहुत मुश्किल हालात हैं। वर्तमान राजनीतिक हालात में, ताकतें हर प्रकार के विरोध और असहमति को खत्म करने का प्रयास कर रही हैं। जो लोग उनसे असहमत हैं, वे मारे जा रहे हैं। उनमें से आखिरी इंसान गौरी लंकेश थीं।"

लेखक ने आईएएनएस को बताया, "लेखक ही नहीं, मवेशियों को ले जा रहे लोगों को भी मारा जा रहा है। गोमांस रखने तक के संदेह में लोगों की हत्या की जा रही है।"

सहगल ने शनिवार शाम को एपीजे कोलकाता साहित्य उत्सव 2018 के अवसर से इतर कहा, "इसका उपाय यही है कि हिंदुत्व का चोला उतारकर फेंक दिया जाए और इसे दरकिनार किया जाए। यह हिंसा फैला रहा है। यह एक बहुत खतरनाक विचारधारा है और इसका हिंदू धर्म से कोई लेना देना नहीं है। कई लेखक इस विचारधारा के खिलाफ खुलकर बोल और लिख रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म 'कोई आतंकवादी पंथ नहीं' है और न ही यह हिंसा को बढ़ावा देता है। सहगल ने कहा, "वर्तमान (राजनीतिक) हालात न सिर्फ लेखकों के लिए बल्कि किसी के लिए भी हित में नहीं हैं। जिसे भी वे पसंद नहीं करते, उनके खिलाफ मामले दर्ज कर देते हैं। उत्पीड़न और हत्याएं की जा रही हैं और बहुत ही खराब राजनीतिक माहौल है।"

सम्मानित लेखिका ने कहा कि भारत ने आजादी के समय लोकतंत्र को विकास से पहले रखने का फैसला किया था और साथ ही धर्मनिरपेक्ष रहना भी तय हुआ था। इस पर सभी को गर्व होना चाहिए। महोत्सव में 'महिला लेखिकाएं : शेपिंग ए न्यू इंडिया' सत्र के दौरान 'प्रभा खैतान वुमेन्स वॉयस अवॉर्ड' की घोषणा की गई। 

इस पहल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, "मैं हमेशा महिलाओं और पुरुषों के बीच रेखा खींचने से नफरत करती रही हूं। ऐसा इसलिए है क्योंकि मेरे परिवार में पुरुष, महिलाओं के अधिकारों को पूरी तवज्जो देते हैं। मैं हमेशा से महिलाओं और पुरुषों के बीच साझेदारी में मजबूती से विश्वास रखती हूं।"

बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "मैंने पढ़ने के दौरान पाया कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नाइजीरिया के लेखक अपने देशों की राजनीतिक परिस्थितियों से राजनीतिक रूप से काफी ज्यादा जुड़े हुए हैं। भारतीय लेखक भारत की परिस्थितियों से उतना अधिक नहीं जुड़े हैं।"

उन्होंने कहा, "मुझे यह नहीं पता कि यह सही मूल्यांकन है या नहीं। लेकिन जो मैंने पढ़ा उससे मुझे यह महसूस हुआ। उन्होंने अपने देशों के विभिन्न राजनीतिक हालातों के बारे में बड़ी प्रबलता से लिखा है।"

Web Title: "Hindutva" violence should be ignore: Nayantara Sehgal

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