धर्म संसद हरिद्वार: एफआईआर में जोड़ा गया यति नरसिंहानंद और सागर सिंधुराज का नाम
By रुस्तम राणा | Published: January 1, 2022 05:52 PM2022-01-01T17:52:37+5:302022-01-01T17:52:37+5:30
उत्तराखंड पुलिस ने कहा कि धर्म संसद के वायरल वीडियो क्लिप के आधार पर एफआईआर में स्वामी यति नरसिंहानंद और सागर सिंधुराज नाम जोड़े गए हैं।
हरिद्वार में आयोजित धर्म संदद के खिलाफ अपनी प्राथमिकी में अब वायरल वीडियो क्लिप के आधार पर कथित अभद्र भाषा के मामले में हरिद्वार पुलिस ने स्वामी यति नरसिंहानंद और सागर सिंधुराज के नाम जोड़े गए हैं। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि "वायरल वीडियो क्लिप के आधार पर, दो और नाम, सागर सिंधु महाराज और यति नरसिंहानंद गिरी, को आगे की जांच के बाद धर्म संसद अभद्र भाषा मामले में प्राथमिकी में जोड़ा गया है। प्राथमिकी में धारा 295A को शामिल किया गया है।
इससे पहले, एफआईआर में धर्म दास, अन्नपूर्णा, जितेंद्र त्यागी (वसीम रिजवी) और धर्म संसद से जुड़े कुछ अन्य लोगों के नाम का जिक्र था, जो 17 से 18 दिसंबर के बीच हुई थी, जिसका आयोजन स्वामी यति नरसिंहानंद के द्वारा किया गया था।
कथित रूप से धर्म संसद में खुलेआम नरसंहार का आह्वान करने वाले वीडियो वायरल होने के बाद, उत्तराखंड पुलिस ने जितेंद्र त्यागी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने) के तहत प्राथमिकी दर्ज की। उन्होंने पिछले महीने ही हिंदू धर्म को अपनाया है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमन्ना को पत्र लिखकर 76 वकीलों ने अनुरोध किया था कि दिल्ली और हरिद्वार में आयोजित अलग-अलग समारोहों में कथित रूप से दिये गये नफरत भरे भाषणों का स्वत: संज्ञान लिया जाए। इस पत्र में आरोप लगाया गया था कि आयोजनों में दिये गये भाषण न केवल नफरत भरे थे, बल्कि ‘‘एक पूरे समुदाय की हत्या का खुला आह्वान’’ भी था।
इसके अलावा सशस्त्र बलों के पांच पूर्व प्रमुखों और 100 से अधिक अन्य प्रमुख नागरिकों ने 31 दिसंबर को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को धर्म संसद में दिए गए कथित नफरती भाषणों के खिलाफ एक पत्र लिखा था।