हिंदी भाषा विवाद: अमित शाह ने कहा-स्थानीय भाषाओं को मजबूत करने के लिए करना होगा आंदोलन, वरना ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड की तरह होगा हाल

By स्वाति सिंह | Published: September 18, 2019 05:11 PM2019-09-18T17:11:03+5:302019-09-18T17:11:03+5:30

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी दिवस के मौके पर कहा था कि भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है लेकिन एक आम भाषा का होना आवश्यक है जो देश की पहचान बने। इसके बाद से कई विपक्षियों ने उनके इस बयान का विरोध किया।

Hindi language controversy: Amit Shah says, movement have to done for strengthen local languages, otherwise we will be Australia-New Zealand | हिंदी भाषा विवाद: अमित शाह ने कहा-स्थानीय भाषाओं को मजबूत करने के लिए करना होगा आंदोलन, वरना ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड की तरह होगा हाल

आमित शाह ने कहा कि स्थानीय भाषाओं को भी मजबूत करना चाहिए। आज भी कई राज्यों में त्रिभाषा का फॉर्मूला है।

Highlightsअमित शाह ने कहा कि 'मातृभाषा से मेरा मतलब हिंदी नहीं राज्य की भाषा है।बीते कई दिनों से हिंदी भाषा को लेकर विवाद चल रहा है।

बीते कई दिनों से चल रहे  हिंदी भाषा विवाद पर बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 'मातृभाषा से मेरा मतलब हिंदी नहीं राज्य की भाषा है। उन्होंने कहा कि स्थानीय भाषाओं को भी मजबूत करना चाहिए। आज भी कई राज्यों में त्रिभाषा का फॉर्मूला है। लेकिन हमने देश के लिए एक भाषा का अनुरोध किया तो क्या गलत किया। मैं मानता हूं कि देश के लिए एक भाषा का होना जरूरी है।

एबीपी न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में गृह मंत्री ने कहा 'मातृभाषा से मेरा मतलब हिंदी नहीं राज्य की भाषा है। देश के अंदर एक ऐसी भाषा होनी चाहिए कि अगर आप कोई दूसरी भाषा सीखते हो तो वो हिंदी हो।मैं भी गैर हिंदीभाषी प्रदेश से आता हूं, मेरे भाषण को गलत तरीके से समझा गया। मैंने हमेशा कहा है कि भारतीय भाषाओं को मजबूत करना चाहिए। बच्चा तभी अच्छा पढ़ सकता है जब वो अपनी मातृभाषा में पढ़ेगा

साथ ही उन्होंने विदेशों का उदहारण देते हुए कहा 'देश में कभी ना कभी स्थानीय भाषाओं को मजबूत करने के लिए आंदोलन करना पड़ेगा। नहीं तो हम ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की तरह हो जाएंगे जहां यह नहीं पता कि उनकी भाषा कौन सी है। मैं उनसे जब भी ये सवाल पूछता हूं तो वो आंख नहीं मिला पाते हैं।

बता दें कि हिंदी दिवस के मौके पर अमित शाह ने कहा था कि भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है लेकिन एक आम भाषा का होना आवश्यक है जो देश की पहचान बने। आज, अगर कोई भाषा देश को एकजुट रख सकती है, तो वो व्यापक रूप से बोली जाने वाली हिंदी भाषा है। इसके बाद से कई विपक्षियों ने उनके इस बयान का विरोध किया।
 

Web Title: Hindi language controversy: Amit Shah says, movement have to done for strengthen local languages, otherwise we will be Australia-New Zealand

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