Himachal Politics: कांग्रेस के छह बागी नेता समेत 3 विधायक भाजपा में शामिल, संकट में सुक्खू सरकार, 68 विधानसभा में क्या है बहुमत का आंकड़ा

By सतीश कुमार सिंह | Published: March 23, 2024 04:27 PM2024-03-23T16:27:16+5:302024-03-23T18:13:00+5:30

Himachal Politics: हिमाचल प्रदेश में लगातार बढ़ते राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस के छह अयोग्य विधायक और इस्तीफा दे चुके तीन निर्दलीयों विधायक शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए।

Himachal pradesh Politics six former Congress MLAs, three Independents join BJP CM Sukhwinder Singh Sukhu government in crisis | Himachal Politics: कांग्रेस के छह बागी नेता समेत 3 विधायक भाजपा में शामिल, संकट में सुक्खू सरकार, 68 विधानसभा में क्या है बहुमत का आंकड़ा

Himachal Politics: कांग्रेस के छह बागी नेता समेत 3 विधायक भाजपा में शामिल, संकट में सुक्खू सरकार, 68 विधानसभा में क्या है बहुमत का आंकड़ा

Highlightsकेंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। हिमाचल में 68 विधानसभा सीट हैं और बहुमत के लिए 35 विधायक चाहिए।उपचुनाव में भाजपा की जीत से सत्तारूढ़ खेमे में विधायकों की संख्या में कमी आ सकती है।

Himachal Politics: कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल तेज हो गई है। पिछले महीने हिमाचल प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित किए गए छह बागी कांग्रेस विधायक शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। उनके साथ तीन निर्दलीय विधायक भी शामिल हुए, जिन्होंने शुक्रवार को राज्य विधानसभा सचिव को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। तीन निर्दलीय आशीष शर्मा, होशियार सिंह और केएल ठाकुर के साथ कांग्रेस के छह पूर्व विधायक राजिंदर राणा, सुधीर शर्मा, इंदर दत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, चैतन्य शर्मा और कुटलेहर विधायक दविंदर भुट्टो हैं। वे नई दिल्ली में हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। हिमाचल में 68 विधानसभा सीट हैं और बहुमत के लिए 35 विधायक चाहिए।

उपचुनाव में भाजपा की जीत से सत्तारूढ़ खेमे में विधायकों की संख्या में कमी आ सकती है। विधायकों की अयोग्यता के बाद 62 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या 39 से कम होकर 33 रह गई है। विधानसभा में मूल रूप से 68 सदस्यीय है। भाजपा के 28 विधायक हैं। बहुमत परीक्षण के दौरान दोनों पक्षों के बराबरी पर रहने की सूरत में ही अध्यक्ष वोट कर सकते हैं और अभी अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी के हैं।

पूर्व विधायकों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उसके सत्ता में आने के बाद से विकास कार्य बाधित हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह और भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजीव बिंदल की उपस्थिति में पूर्व विधायक पार्टी में शामिल हुए।

इन पूर्व विधायकों का पार्टी में स्वागत करते हुए ठाकुर ने कहा कि उनकी उपस्थिति से भाजपा और मजबूत होगी। उन्होंने राज्य में कांग्रेस सरकार पर अपने वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया जिससे लोगों के बीच आक्रोश है। ठाकुर ने कहा कि इन नेताओं ने हाल में हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन किया था जो कांग्रेस के खिलाफ ‘‘जन आक्रोश’’ को दर्शाता है।

कांग्रेस के जो छह बागी विधायक भाजपा में शामिल हुए हैं उनमें सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजेंद्र राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा और देवेंद्र कुमार भुट्टो शामिल हैं। ये सभी कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुए थे और इन्हें हिमाचल प्रदेश विधानसभा में उपस्थित रहने तथा कटौती प्रस्ताव व बजट के दौरान राज्य सरकार के पक्ष में मतदान करने के पार्टी के एक व्हिप की अवज्ञा करने के लिए 29 फरवरी को अयोग्य करार दिया गया था। तीन निर्दलीय विधायकों - आशीष शर्मा, होशियार सिंह और के एल ठाकुर ने शुक्रवार को अपने इस्तीफे सौंपे थे और वे भी भाजपा में शामिल हो गए हैं।

होशियार सिंह ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की विकास यात्रा का हिस्सा होने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से राज्य में विकास कार्य रुक गए हैं। भाजपा नेताओं ने राजमार्ग तथा रेल परियोजनाओं समेत राज्य के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए कई विकास कदमों का उल्लेख किया और कहा कि पूर्व विधायकों ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व को मजबूत बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि इन पूर्व विधायकों को भाजपा में उचित सम्मान दिया जाएगा।

जयराम ठाकुर ने कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों के भाजपा में शामिल होने को ऐसे छोटे राज्य के लिए बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम बताते हुए कहा कि इनमें से कई नेता पार्टी में वरिष्ठ पदों पर थे। पूर्व कांग्रेस नेताओं ने पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व अब दिखायी नहीं देता है और देश के लिए कोई दृष्टिकोण पेश नहीं करता है।

चार बार के विधायक सुधीर शर्मा ने आरोप लगाया कि राज्य में विकास के लिए कोई माहौल नहीं है जबकि कांग्रेस इसलिए टूट रही है क्योंकि उसके नेतृत्व के पास देश के लिए कोई दृष्टिकोण नहीं है तथा उसके पास मोदी की आलोचना करने के अलावा और कुछ नहीं है। राणा ने भी उनके विचारों से सहमति जतायी और ‘‘राजनीतिक विपत्ति’’ उत्पन्न करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा कि वे पहाड़ी राज्य को विकास की राह पर ले जाने को लेकर आशान्वित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम देश के विकास में योगदान देना चाहते हैं।’’ निर्वाचन आयोग ने इन पूर्व कांग्रेस विधायकों के छह निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उपचुनाव की घोषणा की है। निर्दलीय की तीन सीटों पर भी उपचुनाव की घोषणा होने की संभावना है।

पिछले महीने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इन नौ विधायकों के समर्थन से राज्य की इकलौती सीट के लिए हुए राज्यसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी और इसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार संकट में आ गयी थी। बहरहाल, सुक्खू की सरकार को अभी कोई खतरा नजर नहीं आता है लेकिन भाजपा उपचुनाव में जीत के साथ उनकी सरकार को गिराने की फिराक में है।

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