हिमाचल प्रदेश: भूस्खलन स्थल से चार और शव बरामद, मृतक संख्या 14 हुई

By भाषा | Updated: August 12, 2021 20:08 IST2021-08-12T20:08:27+5:302021-08-12T20:08:27+5:30

Himachal Pradesh: Four more bodies recovered from landslide site, death toll rises to 14 | हिमाचल प्रदेश: भूस्खलन स्थल से चार और शव बरामद, मृतक संख्या 14 हुई

हिमाचल प्रदेश: भूस्खलन स्थल से चार और शव बरामद, मृतक संख्या 14 हुई

शिमला, 12 अगस्त हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बुधवार को एक बस और अन्य वाहनों के भूस्खलन की चपेट में आने के बाद मलबे में फंसे लोगों की तलाश एवं बचाव के लिए अभियान बृहस्पतिवार सुबह पुन: शुरू हुआ तथा इस दौरान चार और शव बरामद हुए हैं। इस आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने घटनास्थल से लौटने के बाद राज्य विधानसभा में कहा कि 16 लोग अब भी लापता हैं। अब तक 13 लोगों को बचाया गया है। उन्हें बुधवार को भावनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया गया।

राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), पुलिस और होमगार्ड द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा बचाव कार्य सुबह छह बजे फिर शुरू हुआ।

अधिकारियों ने बुधवार रात करीब 10 बजे अभियान स्थगित कर दिया था।

उन्होंने कहा कि कुछ वाहनों के साथ ही मलबे में हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एक बस भी दब गई थी। उन्होंने बताया कि बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हालत में मिली है जबकि एक ‘बोलेरो’ वाहन का अब तक पता नहीं चल सका है और आशंका जतायी जा रही है कि वह मलबे के साथ ही नीचे चला गया है।

निचार तहसील के निगुलसारी क्षेत्र के चौरा गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पांच पर बुधवार की दोपहर को भूस्खलन के बाद पहाड़ से गिरे पत्थरों की चपेट में हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एक बस आ गई थी, जो रिकांग पियो से शिमला होते हुए हरिद्वार जा रही थी।

मुख्यमंत्री ठाकुर ने कहा कि पत्थर गिरते देख एचआरटीसी का बस चालक वहीं रुक गया था। उसके पीछे कई वाहन रुक गए थे। उसी दौरान उस स्थान पर पत्थर गिरने लगे, बस से उतरे चालक, कंडक्टर और दो अन्य यात्रियों ने एक चट्टान के नीचे शरण ली। बाद में उन्हें बचाया गया।

ठाकुर ने कहा कि वे लोग यह नहीं देख पाए कि अन्य वाहनों का क्या हुआ क्योंकि इलाके में काफी अंधेरा हो गया था। उन्होंने कहा कि बस मलबे में दब गई और उसके टुकड़े इधर-उधर बिखरे मिले। पत्थरों के गिरने के कारण बचावकार्य कुछ समय के लिए रोकना पड़ा।

उन्होंने कहा कि बचाए गए 13 लोगों में से पांच भावनगर सीएचसी में हैं जबकि एक घायल को हमीरपुर और दूसरे को शिमला रेफर किया गया है। उन्होंने कहा कि पत्थरों के गिरने के कारण बचाव अभियान में बाधा आ रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में हरसंभव मदद का वादा किया और वे बचाव अभियान जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने भी लोगों की मृत्यु पर दुख जताया है।

इस बीच बस जहां क्षतिग्रस्त हुई थी उस स्थल पर मौजूद बचावकर्मियों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें एक बचावकर्मी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि बस भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 17वीं बटालियन के जवानों को मिल गयी। एक अन्य बचावकर्ता को यह कहते सुना गया कि अभियान को आगे बढ़ाने के लिए दस्ताने लाए जाने चाहिए।

किन्नौर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बचाव कार्य शुरू करने के बाद भूस्खलन स्थल से चार और शव बरामद हुए हैं।

शिमला के निवासी लोकेंद्र सिंह वैदिक ने एक भावुक फेसबुक पोस्ट में कहा कि उनके पिता का शव मिल गया है, लेकिन बचाव दल अभी तक उनका सिर नहीं ढूंढ पाए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये देगी। उन्होंने कहा कि मृत बस यात्रियों के परिजनों को परिवहन विभाग द्वारा एक लाख रुपये दिए जाएंगे और घायलों का मुफ्त इलाज कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इलाके का भूगर्भीय सर्वेक्षण भी करेगी।

इस बीच, किन्नौर भूस्खलन में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए राज्य विधानसभा में कुछ समय का मौन रखा गया।

शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने विधानसभा में कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर, उद्योग एवं परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह के साथ घटनास्थल पर बचाव कार्य का जायजा लेने गए हैं।

भारद्वाज ने बताया कि भूस्खलन ऐसे स्थान पर हुआ, जहां आमतौर पर लोग प्राकृतिक नजारे देखने तथा फोटो खींचने के लिए अपने वाहन खड़े करते हैं। राज्य सरकार ने बुधवार को ही बचाव कार्य के लिए चार हेलीकॉप्टर मंगवाये थे, लेकिन खराब मौसम के कारण वे घटनास्थल पर नहीं पहुंच सके।

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता आशा कुमारी ने राज्य विधानसभा में कहा कि विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, रामपुर के विधायक नंद लाल और शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह भी घटनास्थल पर गए हैं।

माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी घटना पर दुख जताया और कहा कि भूस्खलन के कारण का भी पता लगाना चाहिए और ऐसा दोबारा ना हो, इस संबंध में भी कदम उठाए जाने चाहिए।

मोख्ता ने कहा कि मृतकों की पहचान शिमला में रामपुर के कैया गांव निवासी रोहित कुमार (25); हमीरपुर के सुजानपुर के झोल गांव के विजय कुमार (32); किन्नौर के सांगला में सपनी की दो वर्षीय वंशुका; मीरा देवी, नितीशा, प्रेम कुमारी, ज्ञान दासी, देवी चंद (53), कुमारी राधिका (22), भूपेंद्र (29) (सभी किन्नौर से); सोलन के रेचुटा गांव के कमलेश कुमार (34) और नेपाल के लक्ष्मण थापा (19) के रूप में हुयी है जो अभी शिमला के ठियोग में रह रहा था। एक मृत व्यक्ति की पहचान अभी नहीं हो सही है।

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Web Title: Himachal Pradesh: Four more bodies recovered from landslide site, death toll rises to 14

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