उच्च न्यायालय ने आरटीई का विस्तार नहीं करने के लिए याचिका पर शिक्षा मंत्रालय का जवाब मांगा

By भाषा | Updated: March 3, 2021 16:38 IST2021-03-03T16:38:31+5:302021-03-03T16:38:31+5:30

High Court seeks response of Ministry of Education on plea for not extending RTE | उच्च न्यायालय ने आरटीई का विस्तार नहीं करने के लिए याचिका पर शिक्षा मंत्रालय का जवाब मांगा

उच्च न्यायालय ने आरटीई का विस्तार नहीं करने के लिए याचिका पर शिक्षा मंत्रालय का जवाब मांगा

नयी दिल्ली, तीन मार्च दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर बुधवार को शिक्षा मंत्रालय से जवाब मांगा। याचिका में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के तहत कमजोर तबके के 14 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा का विस्तार नहीं करने पर प्राधिकारों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया गया है।

न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि 2019 में अदालत के निर्देश के बावजूद आठवीं कक्षा के बाद और 12 वीं कक्षा तक आरटीई कानून का विस्तार क्यों नहीं किया गया।

अदालत ने एनजीओ ‘सोशल जूरिस्ट’ द्वारा दाखिल अवमानना याचिका पर शिक्षा मंत्रालय के सचिव को नोटिस जारी किया और मामले को 17 मार्च को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

एनजीओ की तरफ से पेश अधिवक्ता अशोक अग्रवाल और कुमार उत्कर्ष ने कहा कि केंद्र सरकार की ढिलाई के कारण देश में निजी स्कूल हर साल आठवीं कक्षा के बाद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के हजारों छात्रों को बाहर कर रहे हैं।

वकील ने कहा, ‘‘निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस छात्रों को आठवीं कक्षा के बाद और 12 वीं तक पढ़ाई करने की अनुमति नहीं देकर शिक्षा के बुनियादी अधिकार के लक्ष्य और उद्देश्य पर पानी फेरा जा रहा है।’’

दिसंबर 2019 में उच्च न्यायालय ने केंद्र को 14 साल या उससे ज्यादा उम्र के कमजोर तबके के बच्चों तक निशुल्क शिक्षा के विस्तार पर फैसला करने को कहा था।

याचिका में उच्च न्यायालय के नौ दिसंबर 2019 के फैसले का कथित रूप से जानबूझकर पालन नहीं करने के लिए प्राधिकारों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया गया है।

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Web Title: High Court seeks response of Ministry of Education on plea for not extending RTE

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